लखनऊ. एससी एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर 02 अप्रैल को दलितों के देशव्यापी बंद के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने देश भर में हुए आंदोलन को मोदी सरकार की बड़ी नाकामी बताया. अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार समय रहते दलित समाज के प्रतिनिधियों से बात करती तो आंदोलन की स्थिति पैदा न होती. लेकिन सरकार ने दलितों से बात करना जरूरी नहीं समझा. दलितों का सरकार पर भरोसा नहीं है.
अखिलेश ने कहा कि फलस्वरूप आंदोलन की स्थिति पैदा हो गयी. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी को भी अपने सम्मान और अधिकारों के लिए आंदोलन का सहारा लेना पडे. अखिलेश ने आगे कहा कि सपा दलितों की भावनाओं को समझती है तथा संयम बरतने की अपील करती है. सपा दलित हितों के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने दलित समाज को सम्मान का अधिकार दिया है. उन्हें कोई भी कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं कर सकता.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा ‘सरकार की ये कैसी ‘दलित-नीति’ है कि न तो वो दलितों की मूर्तियां तोड़ने से लोगों को रोक रही है न उनकी हत्याएं करने से और ऊपर से नाम व एक्ट बदलने की भी साज़िश हो रही है. ये सब क्यों हो रहा है और किसके इशारे पर, ये बड़ा सवाल है. क्या दलितों को सरकार से मोहभंग की सज़ा दी जा रही है?’
अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि कीमतें आसमान छू रही हैं, क्योंकि मोदी सरकार ने 10 बार तेल पर ड्यूटी बढ़ा दी है. सरकार जनता के पैसे से सरकार का खजाना भर रही है. अगर मोदी सरकार आम लोगों पर ध्यान दे दे तो अभी भी तेल के दाम 10-15 रुपये प्रति लीटर कम हो सकते हैं.
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