नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच LAC पर चल रहे विवाद को कम करने के लिए भारत और चीन ने एक बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों में एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बन गई है. इसके बाद दोनों देश की सेनाएं पीछे हट सकती है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया […]
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच LAC पर चल रहे विवाद को कम करने के लिए भारत और चीन ने एक बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों में एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बन गई है. इसके बाद दोनों देश की सेनाएं पीछे हट सकती है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बातचीत के बाद दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC ) पर गश्त को लेकर एक समझौते पर पहुंच गए हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि “पिछले कई हफ्तों से चल रही चर्चाओं के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न विवाद का समाधान हो रहा है।”
दोनों देशों में अप्रैल 2020 में पेंगांग लेक पर हुई झड़प और गलवान में 15 जून को खूनी संघर्ष के बाद संबंध तनावपूर्ण हो गये थे. विदेश सचिव ने कहा कि सीमा पर शेष मुद्दों को हल करने के लिए भारतीय और चीनी वार्ताकार पिछले कुछ हफ्तों से संपर्क में हैं। कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था से संबंधित है। पूर्वी लद्दाख सीमा पर 2020 में हुई झड़प के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. गलवान संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और कई चीनी सैनिक भी मारे गये थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान जा रहे हैं। उनकी निर्धारित यात्रा से ठीक एक दिन पहले यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ऐसी अटकलें हैं कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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