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Independence Day: अगला 25 वर्ष भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण, पीएम मोदी ने पांच प्रण का किया आह्वान

नई दिल्ली। भारत इस समय आजादी के 76वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। पूरे देश में इस खास दिन को बहुत ही हर्ष-उल्लास से मनाया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री आज लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया और देश वासियों को संबोधित किया। उन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान […]

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Independence Day: अगला 25 वर्ष भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण, पीएम मोदी ने पांच प्रण का किया आह्वान
  • August 15, 2022 12:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भारत इस समय आजादी के 76वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा हुआ है। पूरे देश में इस खास दिन को बहुत ही हर्ष-उल्लास से मनाया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री आज लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया और देश वासियों को संबोधित किया। उन्होंने देश की आजादी के लिए बलिदान हुए शहीदो को याद किया तो वहीं आगे की आकांक्षाओं को भी देशवासीयों को स्मरण कराया। दरअसल भारत इस स्वतंत्रता दिवस के साथ अगले 25 वर्षों के लिए अपने अमृत काल में प्रवेश कर चुका है। इस अमृत काल में देश को कई ऊंचाइयों को हासिल करना है। जिसके लिए पीएम मोदी ने लाल किले से पांच प्रण का आह्वान किया है।

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस मौके पर लाल किले के प्राचीर से कहा कि, देश को अगले 25 सालों के लिए 5 संकल्पों को लेकर चलना होगा। जो इस प्रकार हैं।

विकसीत भारत

पीएम मोदी ने देश को दिए अपने सम्बोधन में अगले 25 सालों के लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इनमें भारत के लिए सबसे महत्वूर्ण संकल्प ये है कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित हो जाना है। बता दें कि भारत अभी विकासशील देशों की सूची में है और तेजी से विकसीत होने के लिए आगे बड़ रहा है।

गुलामी से सोच से दूर

मोदी ने दूसरे संकल्प में गुलामी के दंश को झेल चुके लोगों को लेकर किया है। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी कोने पर कोई गुलामी का अंश नहीं रहना चाहिए। हमें पूरी तरह से सभी गुलामी के विचारों से पार पाना होगा जो हमें जकड़कर रखा है। हमें गुलामी की जो छोटी-छोटी चीजें नजर आती हैं उससे पार पाना होगा।

विरासत पर गर्व

पीएम मोदी ने अपने तीसरे लक्ष्य में विरासत पर गर्व करने को बताया। उन्होंने कहा, हमें यह प्रण लेना है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही हमारी विरासत है, इसी के कारण भारत कभी स्वर्णिम काल में था। हमारे देश की यही विरासत है, जो हमें स्वीकार करनी है।

एकजुटता

चौथे प्रण में प्रधानमंत्री ने एकता और एकजुटता का संदेश दिया। उन्होंने कहा हम सभी देश वासियों को आपस में एकजुटता बना कर रखना चाहिए और एक- दूसरे का सम्मान करना चाहिए। हम सभी को अमृतकाल में इस सोच को नहीं भूलना चाहिए इससे देश को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिलेगा।

नागरिकों का कर्तव्य

76वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले के प्रचीर मे कई सारे संदेश दिए हैं जिसमें उनका पांचवा संदेश नागरिकों के कर्तव्य को लेकर था। उन्होंने कहा कि सरकारें आपको सुविधा मुहैया कराने का काम करेंगी लेकिन आपको भी ये संकल्प लेना होगा कि उसको बर्बाद न करें। इस बात से खुद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं आते हैं।

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