नई दिल्ली: पूरे देश में 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाएगा. इस बार देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. हमारे भारत देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, जिसके बाद से हर साल पीएम द्वारा लाल किले पर झंडा फहराकर स्वंतंत्रता दिवस मनाया जाता है. हालांकि देश में पहले स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान नहीं गाया गया था. अखिर क्यों नहीं राष्ट्रगान गाया गया था? चलिए जानते है.
पहले स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान क्यों नहीं गाया
आपको बता दें कि रविंद्रनाथ टेगौर देश का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन राष्ट्रगान के तौर पर इसे 1950 में मान्यता मिली. दरअसल आजादी की जंग में रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया राष्ट्रगान सिर्फ लोकप्रिय नहीं हुआ था, बल्कि इसके अलावा दो अन्य गीतों को भी लोकप्रियता मिली थी. इसमें ‘वंदे मातरम’ और ‘सारे जहां से अच्छा’ गीत शामिल है.
देश को कैसे मिला राष्ट्रगान
पहले स्वतंत्रता दिवस पर देश में राष्ट्रगान नहीं गाया गया. आजादी के बाद राष्ट्रगान चुनाव के लिए देश में ‘जन गण मन’ और ‘वंदे मातरम’ के बीच वोटिंग हुई. जिसमें सबसे ज्यादा वोट ‘वंदे मातरम’ को ही मिले. हालांकि उस समय देश में एक ऐसे राष्ट्रगान की जरूरत थी जो पूरे देश का प्रतीक बन सके और इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका भी न हो. यही वजह थी कि सबसे ज्यादा वोट मिलने के बाद भी ‘वंदे मातरम’ को राष्ट्रगान के रूप में नहीं अपनाया गया. जब देश आजाद हुआ तो कोई राष्ट्रगान नहीं था. साल 1950 में जब संविधान बना तो उसमें ‘जन गण मन’ को राष्ट्रगान के रूप में मान्यता मिली.