Independence Day 2018: 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी मिली जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान (National Anthem) और राष्ट्रगीत (National Song) में क्या अंतर है? बता दें जन गण मन को सवैंधानिक दर्जा मिला हुआ है जिसके कई नियम है.
नई दिल्ली. 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी मिली जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. इस मौके पर राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान को लेकर आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि इन दोनों में वास्तविक अंतर क्या है. राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में सबसे बड़ा अंतर यह है कि राष्ट्रगान को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. वहीं राष्ट्रीयगीत को National Song का दर्जा मिला हुआ है.
राष्ट्रगीत ( National Song)
वन्दे मातरम् बंगाली लेखक बंकिम चन्द्र चटर्जी ने बंगाली भाषा के उपन्यास आनंदमठ (अभय आनंद) में लिखी एक कविता है. जिसे रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध किया और इस राष्ट्रगीत को पहली बार 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया. यह गीत देश भावना से भरपूर है. जिसे 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगीय का दर्जा मिला. देश के नेशनल सॉन्ग को लेकर खास बात यह है कि वंदे मातरम को लेकर कोई नियम या कानून नहीं है इसे आप कही भी कैसे भी गा सकते हैं.
राष्ट्रगान- जन गण मन (National Anthem)
राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में सबसे बड़ा अंतर ही यह है कि राष्ट्रगान को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. राष्ट्रगीत जन गण मन को रबिन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था. 24 जनवरी 1950 को इसे नेशनल एंथम के रूप में स्वीकारा गया. राष्ट्रगीत को पहली बार कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था. राष्ट्रगान को गाने व बजाने के कई नियम है जिसे 52 सेकेंड में गाया जाता है. इन नियमों का पालन न करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है.
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