Physical and Sexual Violence Against Women: हमारे देश भारत में महिलाओं के साथ हिंसा, यौन शोषण, शारीरिक शोषण व मारपीट के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा हैं. यही नहीं, आए दिन ऐसे मामले सामने निकल कर सामने आते हैं जिनमें औरतें अपने पति द्वारा ऐसी हिंसा का शिकार बनती है. इस मामले में हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कुछ आंकड़े जारी किये गए हैं. यह आंकड़े वाकई हैरान कर देने वाले हैं.
आपको बता दें, देश की औरतें अपने घर में भी महफूज़ नहीं है. खुद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते है. बात करें बीते साला की तो साल 2022 में महिलाओं के साथ तमाम किस्म के अपराध के 30,900 मामले दर्ज हुए. इसमें 23 फीसदी मामले सिर्फ घरेलू हिंसा के बताए गए हैं. साल-दर-साल इसमें इज़ाफ़ा हो रहा है.
जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक रेप, बलात्कार की कोशिश, दहेज हत्या समेत घरेलू हिंसा जैसे मामलों में 2021 के मुकाबले 2022 में इज़ाफ़ा देखा गया है. बात करें राज्य की तो औरतों के साथ होने वाले अपराधों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. बीते साल औरतों के साथ जुल्म की जितनी भी जितनी भी तहरीर दर्ज हुईं, उनमें से से 55 फीसदी उत्तर प्रदेश से की देखने को मिली हैं.
जानकारी के लिए बता दें, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में देश का कर्नाटक राज्य सबसे आगे हैं. गौरतलब है कि कर्नाटक में साक्षरता दर 75.60 प्रतिशत है. बावजूद इसके इस राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले सबसे तेज है. आपको बता दें, भारत देश में हर तीन में से एक महिला का पति उसके साथ हिंसा व अन्य उत्पीड़न करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो, देश में करीब 18 से 49 साल की 30 प्रतिशत महिलाओं को शारीरिक हिंसा से जूझना पड़ता है. आइये आपको रिपोर्ट दिखाते हैं.
आपको बता दें, सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक करीबन 70फीसदी शराबी पति अपनी बीवियों के साथ यौन हिंसा करते हैं. कर्नाटक समेत बिहार, मणिपुर, तमिलनाडु और तेलंगाना देश के ऐसे टॉप 5 राज्य हैं जहां पर महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा शारीरिक, मानसिक और यौन हिंसा अंजाम दी जाती है.
• उत्तर प्रदेश- 55 फीसद
• कर्नाटक- 44 फीसद
• बिहार- 40 फीसद
• मणिपुर- 40 फीसद
• तमिलनाडु- 38 फीसद
• तेलंगाना- 37 फीसद
इसके साथ ही आपको बता दें, लक्ष्यद्वीप, नगालैंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर ऐसे राज्य है जहाँ पर महिलाओं के साथ कम शारीरिक, मानसिक और यौन हिंसा की जाती है. साथ ही आपको बता दें. शहर व गांव की तुलना में ग्रामीण महिलाएं ज्यादा हिंसा का सामना करती है. यही नहीं, करीबन 77 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो इस तरह की शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करने के बाद भी किसी से कुछ नहीं कहती व न ही मदद की गुहार लगाती है.
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