Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को देश का बजट पेश कर दिया है। बजट में मिडिल क्लास के लिए बड़ा ऐलान किया गया है। मोदी सरकार ने 12 लाख तक की इनकम पर टैक्स शून्य कर दिया है। दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि 4 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि 4-8 लाख की आय पर 5 फीसद, 8-12 लाख की आय पर 10 फीसद, 12-16 लाख आय पर 15 फीसद, 16-20 लाख आय पर 20 फीसद, 20-24 लाख आय पर 25 फीसद जबकि 24 लाख से ऊपर आय होने पर 30 फीसद टैक्स लगेगा.
12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, यह सुनकर मिडिल क्लास बल्लियां उछल रहा है लेकिन जो विश्लेषण है वह लोगों को मायूस कर रहा है कि ये क्या लोचा है? आइये जानते हैं सब….
इस सारे कन्यूफजन का का हल इनकम टैक्स कानून-1961 की धारा-87A में दिया हुआ है। सरकार आम आदमी का टैक्स कैलकुलेशन अलग-अलग तरीके से करती है लेकिन हमारा जो टैक्स बनता है उसे वसूलती नहीं है। इसको हम टैक्स रिबेट या स्टैंडर्ड डिडक्शन बोलते हैं। जैसे अगर हमारी इनकम 4 लाख से 8 लाख है तो 5 प्रतिशत के हिसाब से यह 20,000 रूपया बनता है लेकिन टैक्स रिबेट की वजह से सरकार हमसे यह पैसा नहीं लेगी । इसी तरह 12 लाख तक जो 10 प्रतिशत टैक्स बनता है तो उस पर लगने वाला टैक्स सरकार हमसे रिबेट की वजह से नहीं लेगी।
कर देयता शून्य
आसान भाषा में समझना है तो यह जानिये कि 4-8 लाख पर लगने वाला 5 फीसदी और 8-12 लाख पर लगने वाला 10 फीसदी टैक्स सरकार छोड़ देगी, इस तरह हमें एक भी रूपया नहीं देना पड़ेगा। इसे आप यूं भी समझ सकते हैं कि 12 लाख तक की आय पर टैक्स तो लगेगा लेकिन आप की जेब से चवन्नी नहीं जाएगी. जो टैक्स बनेगा वह रिबेट के जरिए आपके पास आ जाएगा और आप पर कर देयता शून्य हो जाएगी.
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