नई दिल्ली: शादी के नाम पर सभी के दिमाग में बस खर्चा ही आता है। शादी की शॉपिंग का खर्चा हो या फिर शादी के इवेंट का। पर क्या आप जानते हैं शादी के फाइनेंसियल फायदे भी हैं। इनकम टैक्स लॉ में ऐसे कई प्रावधान है, जो शादीशुदा कपल के लिए टैक्स(Income Tax) बचाने में […]
नई दिल्ली: शादी के नाम पर सभी के दिमाग में बस खर्चा ही आता है। शादी की शॉपिंग का खर्चा हो या फिर शादी के इवेंट का। पर क्या आप जानते हैं शादी के फाइनेंसियल फायदे भी हैं। इनकम टैक्स लॉ में ऐसे कई प्रावधान है, जो शादीशुदा कपल के लिए टैक्स(Income Tax) बचाने में मददगार हो सकते हैं। इन 5 तरीकों से शादी के बाद आप इनकम टैक्स में बचत कर सकते हैं।
होम लोन: अगर आप एक शादीशुदा कपल के तौर पर जॉइंट होम लोन लेते हैं, तो आपको इनकम टैक्स में अच्छा फायदा मिल सकता है। अगर आपका जॉइंट होम लोन 50:50 है, तो आर्टिकल-80(C) के तहत होम लोन के प्रिंसिपल अमांउट के पेमेंट पर हर साल मिलने वाली छूट दोगुनी हो जाती है। अगर आप अकेले होम लोन लेते हैं तो उसपर आपको अधिकतम 1.5 लाख रुपए की छूट मिलेगी। वहीं अगर आप कपल के तौर पर ये लोन लेते हैं, तो छूट 1.5 लाख रुपए से बढ़कर 3 लाख रुपए हो जाती है।
हेल्थ इंश्योरेंस: शादी के बाद आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर भी इनकम टैक्स में फायदा मिला है। दो पार्टनर्स में से अगर कोई एक जॉब करता है, तो अधिकतम 25,000 रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर धारा-80(डी) के तहत आयकर छूट मिलती है। वहीं अगर दोनों ही पार्टनर काम करते हैं और टैक्सपेयर की लिस्ट में आते हैं, तब परिवार के हेल्थ इंश्योरेंस के 50,000 रुपए तक के प्रीमियम पर आपका टैक्स बच सकता है।
चाइल्ड एजुकेशन: आज के इस महंगाई के दौर में बच्चों की एजुकेशन बहुत महंगी हो गयी है। ऐसे में आप धारा-80(सी) के तहत बच्चों की पढाई में टैक्स(Income Tax) बचा सकते हैं। अगर आप दोनों ही टैक्सपेयर हैं तो ये छूट डेढ़ लाख से बढ़कर तीन लाख तक हो सकती है।
लीव ट्रैवल अलाउंस: अगर आप और आपके पार्टनर यात्रा करने के शौकीन हैं तो आप उसपर भी टैक्स बचा सकते हैं। अगर आप और आपके साथी, दोनों ही जॉब करते हैं और टैक्सपेयर हैं तो आप दोनों चार साल में टोटल 8 टूर कर सकते हैं। बता दें कि वेकेशन एक्सपेंडिचर पर आपको टैक्स बेनेफिट मिलता है।
यह भी पढ़ें: Madras Highcourt Verdict: मद्रास हाईकोर्ट ने दिलाया मां को उसकी बेटी वापस, पिता को दिया 4 हफ्तों का अल्टिमेटम
प्रॉपर्टी: अगर आप पहले ही एक प्रॉपर्टी के मालिक हैं और अब दूसरा घर या प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो उसपर आपको नेशनल रेंट देना पड़ता है। पर वहीं शादी के बाद अगर आप दूसरी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और उसे अपने पार्टनर के नाम से खरीद लें, तो आप इस रेंट से बच सकते हैं। शर्त बस इतनी है कि आपके पार्टनर के नाम पहले से कोई प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए और वे टैक्सपेयर होने चाहिए।