नई दिल्ली: मंत्री सीतारमण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 55,000 नोटिस की समीक्षा का काम मई 2023 में पूर्ण कर लिया गया था. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीबीडीटी वर्तमान में भेजे गए नोटिस पर आश्रित अनहि है. इस विवेकाधिकार वाला स्थान नहीं है, जहां व्यवस्था के साथ […]
नई दिल्ली: मंत्री सीतारमण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 55,000 नोटिस की समीक्षा का काम मई 2023 में पूर्ण कर लिया गया था. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीबीडीटी वर्तमान में भेजे गए नोटिस पर आश्रित अनहि है. इस विवेकाधिकार वाला स्थान नहीं है, जहां व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त किया जाएगा.
सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विभाग में उपलब्ध व्यक्तिगत करदाताओं से सम्बंधित सूचना और आईटीआर में तालमेल ना होने के आधार पर भेजे गए नोटिस का निपटान वर्ष 2024 में मार्च महीने तक कर लिया जाएगा. यह नोटिस विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर 50 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोगों के लिए जारी किया गया है. यह नोटिस इनकम टैक्स रिटर्न न भरने वाले लोगों को भी यह नोटिस भेजा गया है. 164वें आयकर दिवस के कार्यक्रम पर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया है कि एक लाख नोटिस का निपटान 2024 मार्च तक कर लिया जाएगा.
आयकर विभाग एक बार फिर क़ानून के मुताबिक 6 साल तक विवरणों का आकलन कर सकता है. इस पर निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के कर का दोहरा कर आकलन नहीं किया जाएगा. चौथे, पांचवे और छठे वर्ष में भी केवल कुछ खास परिस्थितियों में ही कर का दोबारा आकलन किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 55,000 नोटिस की समीक्षा का काम मई 2023 में पूर्ण कर लिया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- “आयकर की दरें ना बढ़ने के बावजूद कर राजस्व विभाग की सक्षमता के कारण बढ़ोतरी पर है”. निर्मला सीतारमण ने कहा कि सीबीडीटी वर्तमान में भेजे गए नोटिस पर आश्रित अनहि है. इस विवेकाधिकार वाला स्थान नहीं है, जहां व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त किया जाएगा. यह पूर्ण रूप से स्पष्ट नजरिया है.