नई दिल्ली. हाल ही में अचानक से लोगों को मालामाल करने के कारण चर्चा में आई क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में निवेश करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है. आयकर विभाग ने बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर व्यक्तियों (HNI) पर जांच का दायरा बढ़ाते हुए 4-5 लाख लोगों को टैक्स नोटिस भेजा है. टैक्स अधिकारियों ने इस मामले में पिछले सप्ताह इस तरह के 9 एक्सचेंजों का सर्वे किया था. यह कदम टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत की गई.
अधिकारियों के अनुसार इन एक्सचेंजों में अनुमानत: 20 लाख इकाइयां रजिस्टर्ड थीं, जिनमें से 4-5 लाख परिचालन में हैं और कारोबार और निवेश कर रही हैं. हाल में टैक्स डिपार्टमेंट ने बिटकॉइन का कारोबार करने वाली एक्सचेंज पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान जिन कंपनियों और व्यक्तियों का रिकॉर्ड मिला है उनकी जांच टैक्स चोरी आरोपों के तहत की जा रही है. आयकर विभाग ने कथित रूप से टैक्स चोरी के मामले में पिछले सप्ताह जिन एक्सचेंज परिसरों की पड़ताल की है वे दिल्ली, बेंगलुर, हैदराबाद, कोच्चि और गुरुग्राम में चल रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट की बेंगलुरु जांच इकाई ने अपने सर्वे में मिली जानकारी को देश भर में 8 ऐसी ही इकाइयों को भेजी है. सर्वे में डेटा बेस से व्यक्तियों और इकाइयों के बारे में जानकारी मिली थी. जानकार अधिकारियों के अनुसार, सर्वे में जिन इकाइयों और व्यक्तियों का रिकॉर्ड मिला है उनकी जांच टैक्स चोरी आरोपों के तहत की जा रही है. नोटिस जारी किए जा रहे हैं और उन्हें बिटकॉइन निवेश और कारोबार पर पूंजीगत लाभ टैक्स का भुगतान करना होगा. उन्होंने कहा कि लगभग 4-5 लाख HNI और उनके कारोबारों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं. इसके तहत पहले उनसे वित्तीय जानकारी मांगी जाएगी और उसके बाद टैक्स मांग तय होगी. गौरतलब है कि देश में बिटकाइन जैसी आभासी मुद्राएं फिलहाल अवैध हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मौजूदा प्रावधानों के तहत कार्रवाई की है.
आपको बता दें कि बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी है. इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अवैध घोषित किया है. आरबीआई पहले ही इस मामले में साफ कर चुका था कि इसमें निवेश करने वाले फंस सकते हैं. बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा है. किसी अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. यह एक डिजिटल करेंसी है. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. दुनिया भर में 1 करोड़ से अधिक बिटकॉइन हैं. इसका नियमन नहीं होने के कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंक चिंतित हैं. शेयर मार्केट पर निगरानी रखने के लिए सेबी जैसा नियामक स्थापित किया गया है लेकिन बिटकॉइन का कोई नियामक नहीं है. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राइवेट प्लेयर संचालित करते हैं.
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