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कोयला संकट को देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने उठाया ये बड़ा कदम, बिजली संयंत्रो को अब नहीं होगी दिक्कत

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में कोयले की कमी है. जिसके चलते राज्य सरकार लगातार केंद्र से मदद की गुहार लगा रही है. इस बीच उर्जा मंत्रालय ने निजी उत्पादन स्टेशनों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल देश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए किए जा रहे विभिन्न उपायों के तहत […]

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कोयला संकट को देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने उठाया ये बड़ा कदम, बिजली संयंत्रो को अब नहीं होगी दिक्कत
  • April 23, 2022 11:48 am Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में कोयले की कमी है. जिसके चलते राज्य सरकार लगातार केंद्र से मदद की गुहार लगा रही है. इस बीच उर्जा मंत्रालय ने निजी उत्पादन स्टेशनों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. दरअसल देश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए किए जा रहे विभिन्न उपायों के तहत बिजली मंत्रालय ने निजी उत्पादन स्टेशनों (आईपीपी) द्वारा राज्यों को आवंटित कोयले के उपयोग की पद्धति में संशोधन किया है. जिसके चलते कोयले की आपूर्ति की अवधि को अब एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है.

ये किए बदलाव

जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बोली प्रक्रिया की समय सीमा में और संशोधन किए गए हैं. जिसे 67 दिन से घटाकर 37 दिन कर दिया गया है. घरेलू कोयले का अधिक कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए गए हैं. इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने बिजली संयंत्रों को कोयले के इष्टतम परिवहन के लिए रेलवे के बुनियादी ढांचे का इष्टतम उपयोग करने के लिए ये उपाय किए हैं.

राज्यों में बिजली पहुंचाना आसान होगा

मंत्रालय के अनुसार इससे राज्य अपने लिंकेज कोयले का उपयोग खदानों के पास के संयंत्रों में कर सकेंगे, क्योंकि कोयले के परिवहन के बजाय दूर के राज्यों में बिजली पहुंचाना आसान होगा.

केंद्र सरकार का आंकड़ा

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल, 2022 तक देश में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की कुल क्षमता 2,03,167 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए 9.4 दिनों के कोयले की थी. इन बिजली संयंत्रों के साथ कोयले की आपूर्ति 12 अप्रैल, 2022 तक 8.4 दिन कर दी गई है. जबकि नियमों के अनुसार इन संयंत्रों में 24 दिनों का स्टॉक होना चाहिए. गौरतलब है कि गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आधिकारिक बिजली कटौती में बढ़ोतरी की खबरें आई हैं.

 

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