प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देर रात भगदड़ की जो घटना हुई उसके पीछे लोगों की संगम तट पर स्नान की लालसा और बैरिकेडिंग के एक हिस्से का टूटना बताया जा रहा है.
प्रयागराज. प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देर रात 1 बजे भगदड़ की जो घटना हुई उसके पीछे लोगों की संगम तट पर स्नान की लालसा और बैरिकेडिंग का टूटना बताया जा रहा है. सुबह 5 बजे शाही स्नान होना था उससे पहले ही श्रद्धालु ने नहाने के लिए पहुंचने लगे. बताया जा रहा है कि भीड़ उमड़ने से बैरिकेडिंग टूट गई और भगदड़ मच गई जिसमें 14 से अधिक लोगों की जान चली गई और काफी संख्या में लोग घायल हो गये. घायलों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल ले जाया गया. सिविल डिफेंस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों ने बैरिकेडिंग पकड़कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन लोग इतने ज्यादा थे कि संभाले नहीं गये.
सीएम योगी ने खुद अखाड़ों के मुखिया से बात की और शाही स्नान को रोका गया. अखाड़ा परिषद ने लोगों से अपील की है कि जहां गंगा का घाट मिले वहीं स्नान करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी से बात की और घटना की पूरी जानकारी ली. आपको बता दें कि महाकुंभ पर पूरी दुनिया की नजर लगी है. इस भव्य आयोजन और भक्ति भाव से एक साथ लाखों-करोड़ों लोगों के डुबकी लगाने को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आये हुए हैं.
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी दिखाई. भगदड़ की सूचना मिलते ही पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंचीं. संगम क्षेत्र में पहले से ही फायर सर्विस का ऑल-टेरेन व्हीकल था जिससे लोगों को निकालने और अस्पताल पहुंचाने में मदद मिली. बताया जा रहा है कि भीड़ की वजह से संगम नोज पर बैरिकेडिंग टूटी और भगदड़ मची, कुछ महिला और बुजुर्ग श्रद्धालु जमीन पर गिर गये और लोग उन्हें कुचलते हुए भागने लगे. हादसा होते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंचीं. घायलों और मृतकों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया.
महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान की वजह से करीब 5 करोड़ श्रद्धालु शहर में मौजूद हैं। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर देर रात तक 8-10 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं. मंगलवार को 5.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी. सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात किये गये हैं. महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और यह 26 फरवरी को चलने वाला है. इससे पहले महाकुंभ में आग लगने की दो घटनाएं हो चुकी है.
Read Also-