अब यौन शोषण से पीड़ित लड़के और लड़कियों को मुआवजा दिया जाएगा. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक पोक्सो क तहत इस पर किसी तरह का मुआवजा सरकार नहीं लगा देती तब तक नालसा एक्ट के भीतर पीड़ित को मुआवजा दिया जाएगा.
नई दिल्ली. एक कानून के तहत यौन शोषण से पीड़ित लड़के और लड़कियों को अब मुआवजा मिल सकेगा. प्रोटेक्शन ऑफ चॉइल्ड फ्राम सेक्सुअल ऑफेंसेज के भीतर आने वाले इन मामलों में अब तक मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं था. ये जानकर बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर हैरानी जताई और कहा कि जब तक पोक्सो क तहत इस पर किसी तरह का मुआवजा सरकार नहीं लगा देती तब तक अदालतें नैशनल लीगल सर्विस अथौरिटी (NALSA) योजना के तहत पीड़ितों को मुआवजा दे. वहीं पोक्सो के जेंडर न्यूट्रल होने के चलते नाबालिग लड़के और लड़कियां इसके दायरे में आएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रेप के मामले में 4 लाख से कम का मुआवजा नहीं होना चाहिए. अदालतों को निर्देश दिए गए हैं कि इसे 2 अक्टूबर से लागू किया जाना है. कोर्ट ने इस दौरान कहा कि ये योजना न्यूट्रल होनी चाहिए यानि लड़की और लड़की दोनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए.
कोर्ट ने इस दौरान कहा कि ये योजना न्यूट्रल होनी चाहिए यानि लड़की और लड़की दोनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि रेप और एसिड अटैक के मामले में पीड़ितों के लिए NALSA की मुआवजा योजना को पोक्सो के मामले में देखरेख कर रही अदालतों की गाइडलाइन को फॉलो करना चाहिए.
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