नई दिल्ली: हाल के वर्षों में ओटीटी प्लेटफॉर्म ने सफलता के नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई कई वेब सीरीज ने रिकॉर्ड सफलता हासिल की है. साथ ही कई बड़ी फिल्में अब ओटीटी की ओर रुख कर रही हैं. बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी […]
नई दिल्ली: हाल के वर्षों में ओटीटी प्लेटफॉर्म ने सफलता के नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई कई वेब सीरीज ने रिकॉर्ड सफलता हासिल की है. साथ ही कई बड़ी फिल्में अब ओटीटी की ओर रुख कर रही हैं. बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी ऑन एयर को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसके बाद एक बार फिर ओटीटी सेंसरशिप की अटकलें लगने लगीं है.
हालांकि ओटीटी में सेंसरशिप की कमी के कारण क्रिएटर्स को अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने की पूरी आजादी है, लेकिन कभी-कभी उन पर इस आजादी का उपयोग करने का आरोप भी लगता है. इस दौरान शुक्रवार को अनंत विजय की किताब ‘ओवर द टॉप ओटीटी का मायाजाल’ रिलीज हुई है. बता दें कि इस शो में अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे और उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की आलोचना करने की बजाय उन्हें सही रास्ते पर लाने की कोशिश की जानी चाहिए.
बता दें कि अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि ‘सरकार फिल्ममेकर्स और कंटेंट क्रिएटर की रचनात्मकता के आड़े बिलकुल नहीं आएगी, लेकिन रचनात्मकता की आड़ भी कुछ भी गलत होने पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी. अगर आप न्यूडिटी, अभद्र भाषा का प्रदर्शन करते हैं तो हमने पहले भी कई कड़े कदम उठाए हैं और भविष्य में भी ऐसा करने में बिल्कुल संकोच नहीं की जाएंगी. साथ ही ठाकुर ने कहा कि ‘ओटीटी और यूट्यूब जैसे कई प्लेटफॉर्म पर भारतीय कहानियों और उसकी संस्कृति और परंपराओं को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने के लिए एक बड़ा मौका प्रदान करती हैं. हालांकि मैं इस चीज को सकारात्मक रूप में देखता हूं, लेकिन हमें गलत चीजों को खत्म करना ही होगा और ये सुनिश्चित करना होगा कि अच्छे कंटेंट के द्वारा देश की आवाज दुनिया के कोने-कोने तक कैसे पहुंचे.
दरअसल सूचना प्रसारण मंत्री ने मनोरंजन और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि ‘सरकार का उद्देश्य व्यवसाय को प्रोत्साहित करना और आगे बढ़ाना है, उसको दबाना नहीं. बता दें कि मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री हर साल 28 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है और इसमें रोजगार और राजस्व सृजन की संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं’.
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