Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 2008 में हमलों की बड़ी साजिश की जांच के लिए लगातार दूसरे दिन पूछताछ की. एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि तहव्वुर राणा को नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय के अंदर एक उच्च सुरक्षा वाले सेल में रखा गया है. जहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात हैं. अधिकारी ने बताया कि तहव्वुर राणा के साथ ‘किसी भी अन्य गिरफ्तार व्यक्ति की तरह व्यवहार किया जा रहा है. कोई विशेष सुविधा नहीं दी जा रही है.’ उसके अनुरोध पर उसे कुरान की एक प्रति प्रदान की गई है और एजेंसी मुख्यालय में उसके सेल में उसे प्रतिदिन पांच बार नमाज अदा करते हुए देखा गया है.
एक अधिकारी ने राणा को एक ‘धार्मिक व्यक्ति’ बताते हुए कहा ‘उसने कुरान की एक प्रति मांगी थी जो हमने उपलब्ध कराई. उसे अपने सेल में पांच बार नमाज अदा करते हुए देखा गया है.’ कुरान के अलावा राणा ने कलम और कागज़ भी मांगा था. जो मुहैया करा दिया गया है. हालांकि उस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह कलम का इस्तेमाल खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए न करे. अधिकारी ने बताया ‘इसके अलावा उसने कोई और मांग नहीं की है.’
अदालत के निर्देशों के अनुसार राणा को हर दूसरे दिन दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) द्वारा उपलब्ध कराए गए वकील से मिलने की अनुमति है और हर 48 घंटे में उसकी मेडिकल जांच की जाती है. एक अन्य अधिकारी ने पुष्टि की ‘अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की तरह सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.’ दिल्ली की एक अदालत द्वारा अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद जांच एजेंसी को 18 दिनों की हिरासत दिए जाने के बाद राणा को शुक्रवार सुबह एनआईए मुख्यालय लाया गया था.
NIA अधिकारियों की एक टीम तहव्वुर राणा से पूछताछ कर रही है. ताकि वे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी वास्तविक भूमिका का पता लगा सकें. जिसने 16 साल पहले देश को हिलाकर रख दिया था.
जांचकर्ता कई सुरागों के आधार पर उससे पूछताछ कर रहे हैं. जिनमें उसके और डेविड कोलमैन हेडली- जिसे दाउद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है. उसके बीच दर्जनों फोन कॉल शामिल हैं. वह अमेरिकी नागरिक है जो इस साजिश में अपनी भूमिका के कारण वर्तमान में अमेरिकी जेल में सजा काट रहा है.
राणा से उन लोगों के बारे में भी पूछा जा रहा है जिनसे उसने हमलों से पहले मुलाकात की थी. विशेष रूप से दुबई में एक महत्वपूर्ण संपर्क के बारे में जो अधिकारियों के अनुसार मुंबई को निशाना बनाने की योजना से अवगत था.
मूल रूप से पाकिस्तान निवासी 64 वर्षीय कनाडाई व्यवसायी पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के साथ संदिग्ध संबंधों के कारण भी जांच चल रही है. जिसने ये हमले किए थे.
अधिकारियों को उम्मीद है कि राणा के जवाब विशेषकर हमले से कुछ दिन पहले उत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों की उसकी यात्रा के बारे में, साजिश के बारे में नए विवरण उजागर करने में मदद कर सकता हैं.
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