नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड के जरिए देशवासियों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने चैत्र नवरात्र, भारतीय नववर्ष और आगामी त्योहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विक्रम संवत 2082 की शुरुआत के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में नववर्ष का उल्लास देखा जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों की छुट्टियों से लेकर जल संरक्षण से संबन्धित कई संदेश दिए.

नई चीजें सीखने पर जोर

पीएम मोदी ने परीक्षा समाप्त होने और गर्मी की छुट्टियों के शुरू होने पर बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में समय लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह समय नई हॉबी सीखने और सामाजिक कार्यों से जुड़ने का अवसर है। उन्होंने ‘माई भारत’ के समर वेकेशन कैलेंडर का जिक्र किया, जिसमें स्टडी टूर और जन औषधि केंद्रों की जानकारी जैसी गतिविधियां शामिल हैं।

जल संरक्षण को बताया जरूरी

गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘कैच द रेन’ अभियान इस बार जारी रहेगा। पिछले वर्षों में इस अभियान के तहत जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई सराहनीय प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 7-8 वर्षों में बने जल संचयन संरचनाओं की मदद से 11 अरब क्यूबिक मीटर से अधिक पानी संरक्षित किया गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने घरों के बाहर पानी के मटके रखें ताकि जरूरतमंदों को ठंडा पानी मिल सके।

योग दिवस का थीम

इसके अलावा पीएम मोदी ने टेक्सटाइल वेस्ट पर चिंता जताते हुए कहा कि इसे कम करने के लिए कई भारतीय स्टार्टअप पुनर्चक्रण (रिसाइक्लिंग) पर काम कर रहे हैं। आगे पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए अब 100 दिन से भी कम समय बचा है। उन्होंने लोगों से योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की और बताया कि 2025 के योग दिवस की थीम ‘योगा – फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ रखी गई है।

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