Malegaon Blast Case 2008 नई दिल्ली. Malegaon Blast Case 2008 साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस (Malegaon Blast Case 2008) में आज कोर्ट में एक और गवाह अपने बयान से मुकर गया है. गवाह ने महाराष्ट्र एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि एटीएस ने उसे जबरदस्ती पकड़ा और 3-4 दिन प्रताड़ित करने […]
नई दिल्ली. Malegaon Blast Case 2008 साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस (Malegaon Blast Case 2008) में आज कोर्ट में एक और गवाह अपने बयान से मुकर गया है. गवाह ने महाराष्ट्र एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि एटीएस ने उसे जबरदस्ती पकड़ा और 3-4 दिन प्रताड़ित करने के बाद RSS नेताओ के खिलाफ जबरन बयान देने को कहा. बता दें अबतक कुल 17गवाह इस मामलें में अपने बयान से पलट गए हैं. अधिकतर गवाहों का कहना है कि महाराष्ट्र एटीएस ने उनपर दबाव बनाया और जूठी गवाही देने को कहा.
15वें गवाह ने तो यहां तक एटीएस पर आरोप लगाए कि एटीएस ने उसे इस ब्लास्ट में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का नाम लेने के लिए मजबूर किया था.
मालेगांव ब्लास्ट केस (Malegaon Blast Case 2008) में कुल 220 लोगों से गवाही ली गई थी,जिसमें से अबतक 17 लोग गवाही से मुकर गए हैं. बता दें मालेगांव ब्लास्ट के वक़्त पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह महाराष्ट्र एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे और उन्होंने 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच की थी.
29 सितम्बर 2008 में नासिक के मालेगांव कस्बे में एक मस्जिद के पास खड़ी बाइक में बम फटने की वजह से 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. इस घटना में उस वक़्त लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी का नाम सामने आया था, अभी फिलहाल सभी ज़मानत पर हैं.