मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीतिक संग्राम अब देश की सबसे बड़ी अदालत की चौखट तक आ पहुंची है. शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे अपने और 15 अन्य बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के द्वारा मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर की इस कार्रवाई को ‘गैर-कानूनी और असंवैधानिक’ […]
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीतिक संग्राम अब देश की सबसे बड़ी अदालत की चौखट तक आ पहुंची है. शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे अपने और 15 अन्य बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के द्वारा मिले नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. शिंदे गुट ने डिप्टी स्पीकर की इस कार्रवाई को ‘गैर-कानूनी और असंवैधानिक’ बताते हुए, इस पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. बता दें कि महाराष्ट्र के सियासी संकट की पटखथा मुंबई, सूरत और गुवाहाटी में लिखी गई थी. लेकिन जब मामला हाथ से बाहर जाने लगा तो दोनों गुटों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गईं.
दरअसल, शिंदे गुट ने अदालत में मजबूती से दलील पेश करने के लिए वकीलों की फौज खड़ी कर दी हैं. वकीलों की इस लिस्ट में सबसे पहला नाम हरीश साल्वे शामिल किया गया है, वहीं मुकुल रोहतगी और मनिंदर सिंह, महेश जेठमलानी जैसे बड़े दिग्गज वकील शिंदे गुट का पक्ष रखेंगे.
जबकि सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर की ओर से हैदराबाद के नामी वकील रवि शंकर जांध्याल दलील पेश करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश करने से पहले रवि शंकर मु्ंबई पहुंचे, जहां उन्होंने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.
बता दें कि, उद्धव गुट ने भी वकीलों की फौज खड़ी करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है. उद्धव की ओर से देश के जाने माने वकील और नेता कपिल सिब्बल को जिम्मेदारी संभालेंगे. वहीं दिग्गज एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी सिब्बल का साथ देंगे. इनके अलावा वकीलों की लिस्ट में राजीव धवन और देवदत्त कामत भी शामिल है.
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