कर्नाटक उच्च न्यायालय का अहम फैसला, मां के अवैध संबंध के चलते पिता को सौंपा बच्ची का अधिकार

कर्नाटक : कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक मां का अवैध संबंध होने के चलते नाबालिक बच्ची का अधिकार पिता को सौंप दिया. उच्च न्यायालय ने फैमली कोर्ट के फैसले के बरकरार रखते हुए बच्ची का अधिकार पिता को दिया है. महिला के किसी अन्य पुरूष के साथ अवैध संबंध के चलते बच्ची के पिता ने […]

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कर्नाटक उच्च न्यायालय का अहम फैसला, मां के अवैध संबंध के चलते पिता को सौंपा बच्ची का अधिकार

Vivek Kumar Roy

  • February 11, 2023 3:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कर्नाटक : कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक मां का अवैध संबंध होने के चलते नाबालिक बच्ची का अधिकार पिता को सौंप दिया. उच्च न्यायालय ने फैमली कोर्ट के फैसले के बरकरार रखते हुए बच्ची का अधिकार पिता को दिया है. महिला के किसी अन्य पुरूष के साथ अवैध संबंध के चलते बच्ची के पिता ने नाबालिक की कस्टडी मांगी थी. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसने अपने अवैध संबंधों को अधिक महत्व दिया है और बच्ची की उपेक्षा की है इसलिए बच्ची का अधिकार पिता को दिया गया है.

मेट्रिमोनियल साइट पर हुई थी मुलाकात

बच्ची के साथ ससुराल छोड़ने के बाद महिला ने बच्चे को उसके माता-पिता के पास चंड़ीगढ़ में छोड़ दिया था. वह अपने नए साथी के साथ बेंगलुरू में रहती थी. हालांकि नाबालिक बच्ची के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं और तलाकशुदा थे. उनकी पिछली शादियों से कोई संतान नहीं थी. वे एक मैट्रिमोनियल साइट पर मिले और 2011 में शादी कर लिए थे. 2015 में उनेक घर में एक लड़की का जन्म हुआ था.

दोनों दंपत्ति के बीच काफी आपस में अच्छे संबंध न होने की वजह से थाने में एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जिसके बाद महिला ने नाबालिक बच्चे के साथ 2018 में ससुराल छोड़ दिया था. पति को जब अपने पत्नी के अवैध संबंध के बारे में पता चला तो बच्ची की कस्टडी के लिए केस दर्ज करा दिया था. बच्ची के पिता कहना था कि बच्ची की मां अपने प्रेमी के साथ रह रही है इसलिए मैं बच्ची को उसकी मां साथ नहीं छोड़ सकता.

फैमली कोर्ट ने दिया आदेश

फैमलि कोर्ट का आदेश महिला को स्वीकार नहीं था. इसलिए महिला ने फैमली कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि उच्च न्यायालय को उसकी अपील में कोई दम नहीं लगा. हाई कोर्ट ने कहा कि पति ने साबित कर दिया है कि महिला बच्चे को प्राथमिकता न देकर अपने प्रेमी को प्राथमिकता दे रही है. इस वजह से कोर्ट ने बच्ची के कल्याण के लिए उसकी कस्टडी उसके पिता को दे दी.

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