IMD on Delhi Rains : दिल्ली की हवा का खराब होना यूँ तो कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार दिल्ली की प्रदूषित हवा ने पिछले रिकॉर्ड्स को भी तोड़ दिया है. इस बार न केवल अगस्त में दिल्ली की हवा (IMD on Delhi Rains) खराब हुई है बल्कि इस बार दिल्ली NCR का सावन भी सूखा-सूखा रहा है.
दिल्ली की हवा का खराब होना यूँ तो कोई नई बात नहीं है लेकिन इस बार दिल्ली की प्रदूषित हवा ने पिछले रिकॉर्ड्स को भी तोड़ दिया है. इस बार न केवल अगस्त में दिल्ली की हवा (IMD on Delhi Rains) खराब हुई है बल्कि इस बार दिल्ली NCR का सावन भी सूखा-सूखा रहा है. जिसके चलते तापमान में भी इज़ाफ़ा हुआ है. इसके पीछे जलवायु परिवर्तन को कारण बताया जा रहा है.
इस बार सूखी रही दिल्ली
आमतौर पर दिल्ली में जून से सितम्बर माह के बीच बारिश का मौसम रहता है और तापमान भी सामान्य दिनों से नीचे चला जाता है लेकिन इस बार दिल्ली में ऐसा नहीं हुआ, दिल्ली की बारिश इस बार सामान्य स्तर पर भी नहीं पहुँच पाई है. इस बार अगस्त में बारिश सिर्फ़ 214.5 मिमी यानि सामन्य से 13 फीसद कम हुई. पूरे महीने में बमुश्किल एक हफ्ते बारिश हुई. जो की बेहद कम है. इसका नकारात्मक प्रभाव यूं पड़ा कि तापमान में तेज़ी से इज़ाफ़ा होता चला गया. और यह 34.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया जो कि अगस्त माह के औसतन तापमान की तुलना में 0.5 प्रतिशत अधिक रहा.
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया आखिर क्यों हैं ऐसा मौसम ट्रेंड
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जैनामणि के अनुसार इस साल बंगाल की खाड़ी से उठने वाली पूर्वी हवाओं और नमी से बनने वाला सिस्टम कमजोर रहा. पिछले साल ऐसे पांच सिस्टम बने थे, जबकि इस बार केवल दो ही बने. इसलिए इस बार अगस्त में मानसून हल्का रहा और बारिश भी कम दर्ज़ की गई. इनके अलावा स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि पूरे देश में मानसून फीका रहा है.
यह भी पढ़ें :
Covid Vaccine for kids : बच्चों की वैक्सीन को मिली मंजूरी, जानिए कब तक मिल जाएगा टीका
जान लें श्राद्ध की तिथियां और संपूर्ण विधि