वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि याद रखा जाना चाहिए कि साठगांठ वाला पूंजीवाद समाप्त हो चुका है. वित्त मंत्री ने कहा कि राजग सरकार चुनौतियों को ठोस और पेशेवर तरीके से हल करती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने ही पार्टी के नेता से सीखने की सलाह दी है. उन्होंन कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय विध्वंसक है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘राहुल गांधी घराने की दूषित सोच’ ही IL&FS में वित्तीय संस्थाओं के निवेश को ‘घोटाला’ कह सकती है. जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के किसी सीनियर लीडर से कुछ सीख लेने की नसीहत दी. इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने कांग्रेस पार्टी को ‘राष्ट्र को क्षति पहुंचाने वाला’संगठन कहा. जेटली के अनुसार मुख्य विपक्षी पार्टी कर्ज में डूबी आईएलएंडएफएस से जुड़े घटनाक्रमों के बारे में गलत जानकारी जानकारी लोगों तक पहुंचा रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि याद रखा जाना चाहिए कि साठगांठ वाला पूंजीवाद समाप्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि राजग सरकार चुनौतियों को ठोस और पेशेवर तरीके से हल करती है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को फेसबुक के जरिए कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला. ‘Lessons for Rahul Gandhi from his Partyman’शीर्षक से लिए फेसबुक पोस्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लिखा कि पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी प्राइवेट सेक्टर की कंपनी IL&FS को लेकर सरकार के संभावित कदमों के बारे में गलत सूचनाएं फैलाने का काम कर रही है. कांग्रेस राष्ट्रीय विध्वंसक है. कांग्रेस पार्टी में विजन का अभाव है. कांग्रेस राष्ट्रीय विध्वंसक है.
वित्त मंत्री ने अपने इस फेसबुक पोस्ट के साथ कांग्रेस के नेता प्रो. केवी थामस का एक पत्र भी लगाया है और कहा है, ‘यह (थामस का) पत्र राहुल और उनके दरबारियों द्वारा उड़ाई जा रही एक एक बात को खारिज करने वाला पत्र है. ऐसे में राहुल गांधी को सलाह दी जा सकती है कि वे प्रो. केवी थामस से कुछ सीख प्राप्त कर लें.
उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने IL&FS को LIC की कथित वित्तीय सहायता पर रविवार को सवाल उठाया था. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री ‘वित्तीय घोटाले’ पसंद करते हैं?
वित्त मंत्री ने सावाल किया कि क्या जब 1987 में सेंट्रल बैंक और यूटीआई ने क्रमश:50.5 फीसदी और 30.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ IL&FS को शुरू किया तो वह घोटाला था. 2005 में जब LIC ने इसकी 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी और 2006 में 11.10 प्रतिशत का और अधिग्रहण किया तो क्या वह घोटाला था ?. उन्होंने लिखा है, ‘वास्तव में LIC ने 2010 में आईएल-एफएस में 19.34 प्रतिशत हिस्सा और खरीदा. क्या मैं राहुल गांधी घराने की दूषित सोच के अनुसार निवेश के इन सभी कदमों को आज घोटाला बताने लगूं.’
बता दें कि रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर आरोप लगाया था. रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर पीएम मोदी पर भारतीय जीवनबीमा निगम (एलआईसी) के पैसों से निजी कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग व वित्तीय सेवाएं (आईएल एंड एफएस) को बचाने का गंभीर आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था कि, मोदीजी, आपकी चहेती निजी कम्पनी ILFS डूबने वाली है. आप LIC का पैसा लगाकर उसे बचाना चाहते हो. क्यों?
LIC देश के भरोसे का चिन्ह है. एक-एक रुपया जोड़कर लोग LIC की पॉलिसी लेते हैं. उनके पैसे से जालसाजों को क्यों बचाते हो? कहीं आपके लिए ILFS का मतलब ‘I Love Financial Scams’ तो नहीं?
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