अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर सियासत तो सारे देश ने देखी है लेकिन एक बेहद जरूरी तस्वीर है जिसके बारे में सभी को जानना चाहिए. सांप्रदायिक सदभावना की मिसाल कायम करते हुए अयोध्या के श्री सीताराम मंदिर में रमजान के महीने में सोमवार को इफ्तार का आयोजन हुआ. रोजेदारों ने मंदिर के प्रांगण में नमाज भी पढ़ी.
अयोध्या. राम मंदिर और बाबरी मस्जिद पर सियासत तो सारे देश ने देखी है लेकिन अयोध्या की एक बेहद जरूरी तस्वीर है जिसके बारे में सभी को जानना चाहिए. सांप्रदायिक सदभावना की मिसाल कायम करते हुए अयोध्या के श्री सीताराम मंदिर में रमजान के महीने में सोमवार को इफ्तार का आयोजन हुआ. रोजेदारों ने मंदिर के प्रांगण में नमाज भी पढ़ी.
मंदिर के पुजारी युगल किशोर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया, ” यह तीसरी बार है जब हम मंदिर में इफ्तार का आयोजन कर रहे हैं. हम भविष्य में भी मंदिर में इफ्तार देना जारी रखेंगे. हमें हर त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाना चाहिए.” पुजारी की बातों का समर्थन करते हुए इफ्तार में शामिल होने आए मुज्जमिल फिजा ने कहा कि वे भी हर साल अपने हिंदू दोस्तों के साथ नवरात्री मनाते हैं. उन्होंने कहा, ” जिन लोगों का राजननीतिक एजेंडा है वो नहीं चाहते कि लोग साथ आएं और इस तरह के कार्यक्रम हों. इस देश में जहां एक तरफ तो धर्म के नाम पर सियासत होती है पंडित युगल किशोर जैसे लोग धर्म के माध्यम से मोहब्बत का पैगाम भेजते हैं.”
गौरतलब है कि देश भर में रमजान के पाक महीने को पूरी अकीदत के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं. सुबह से शाम तक बिना कुछ खाए-पिए उन्हें रोजा रखना होता है. शाम में इफ्तार के वक्त सामूहिक भोजन होता है. अयोध्या के श्री सीताराम मंदिर में लगातार तीसरे साल इफ्तार का आयोजन बताता है कि धर्म का मर्म समझने वाले मोहब्बत से काम लेते हैं, नफरत से नहीं.