याचिकाकर्ता ने अदालत में यह दलील दी थी कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे बड़े नेता भी ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। अरबपति एलन मस्क के दावे से भी हवाला दिया गया कि EVM में छेड़छाड़ की जा सकती है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बैलेट पेपर से चुनाव कराने वाली याचिका ख़ारिज कर दिया। न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब चुनाव जीतते हैं तो EVM सही रहता है और हारते ही ख़राब हो जाता है। याचिकाकर्ता केए पॉल को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास तो दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। ऐसे शानदार विचार कहाँ से जेहन में आते हैं?
याचिकाकर्ता ने अदालत में यह दलील दी थी कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे बड़े नेता भी ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। अरबपति एलन मस्क के दावे से भी हवाला दिया गया कि EVM में छेड़छाड़ की जा सकती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी हार गए थे उन्होंने तब सवाल उठाया था लेकिन जब वो जीते तब तो कुछ नहीं बोले।
जस्टिस नाथ ने याचिकाकर्ता को सुनाते हुए कहा कि यह वह जगह नहीं है, जहां पर आप इस तरह की बहस कर सकते हैं। बता दें कि केए पॉल ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जो तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं का रेस्क्यू कर चुका है। इससे पहले 17 अक्टूबर विधानसभा चुनाव को लेकर जुड़ी ही याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की थी।