अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो बीजेपी को 246 सीट भी नहीं मिल पाती… अमेरिका में राहुल ने कही यह बात

नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी अमेरिका दौरा पर गए हुए है. जहां उन्होंने बड़ा बयान दिया है. वहीं उन्होंने सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. चुनाव से पहले हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थानों पर कब्जा किया गया है… हालांकि हमारे पास निष्पक्ष […]

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अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो बीजेपी को 246 सीट भी नहीं मिल पाती… अमेरिका में राहुल ने कही यह बात

Zohaib Naseem

  • September 10, 2024 10:23 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले ही राहुल गांधी अमेरिका दौरा पर गए हुए है. जहां उन्होंने बड़ा बयान दिया है. वहीं उन्होंने सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं. चुनाव से पहले हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थानों पर कब्जा किया गया है… हालांकि हमारे पास निष्पक्ष खेल का मैदान नहीं है. उनके पास भारी वित्तीय उत्तोलन था. उन्होंने हमारे बैंक खाते को भई बंद कर दिया था… चुनाव आयोग वहीं कर रहा था जो वे चाहते थे. राहुल गांधी ने कहा कि ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं… मुझे यह बिलकुल भी नहीं लगता है कि निष्पक्ष चुनाव में बीजेपी 246 के करीब थी.

 

राहुल ने क्या कहा?

 

राहुल ने आगे कहा कि मैं इसे स्वतंत्र चुनाव नहीं मानता. वहीं मैं इसे एक नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि पूरा अभियान इस तरह से डिजाइन किया गया था कि नरेंद्र मोदी पूरे देश में अपने विचार रख सकें. जिन राज्यों में ये कमज़ोर थे, वहां इन्हें अलग तरह से डिज़ाइन किया गया। उन राज्यों से अलग तरीके से जहां वे मजबूत थे. राहुल गांधी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था आरएसएस के नियंत्रण में है.

 

 

लोग समझ नहीं रहे

 

राहुल ने कहा कि मीडिया और जांच एजेंसियां ​​नियंत्रण में हैं. हम यह कहते रहे, लेकिन लोग इसे समझ नहीं रहे थे… मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और जो कुछ भी मैंने कहा वह अचानक फूट पड़ा… गरीब भारत, पीड़ित भारत, भारत समझ गया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो सारा खेल खत्म हो जाएगा.

 

गठबंधन टूट गया है

 

राहुल ने कहा कि आधे प्रचार के दौरान मोदी को नहीं लगा कि वह 300-400 सीटों के करीब हैं… जब उन्होंने कहा कि मैं सीधे भगवान से बात करता हूं, तो हमें पता था. हम जानते थे कि हमने उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है.. हमने इसे एक मनोवैज्ञानिक पतन के रूप में देखा… नरेंद्र मोदी को सत्ता में लाने वाला गठबंधन टूट गया है… सरकार और दो या तीन बड़े व्यवसायों के बीच एक बड़ी सांठगांठ है.

 

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