नई दिल्ली: “पेट केयर स्टार्टअप” के को-फाउंडर और सीईओ मनीष पॉल के बारे में हम बात कर रहे हैं. उनके पास एक जर्मन शेफर्ड टीगा और दूसरा डोगो अर्जेंटीनो जूनो नाम का डॉगी था. डोगो अर्जेंटीनो जूनो की एक दिन अचानक तबीयत खराब गई और समय पर उसे वेटनरी डॉक्टर नहीं मिला, जिसके कारण जूनो […]
नई दिल्ली: “पेट केयर स्टार्टअप” के को-फाउंडर और सीईओ मनीष पॉल के बारे में हम बात कर रहे हैं. उनके पास एक जर्मन शेफर्ड टीगा और दूसरा डोगो अर्जेंटीनो जूनो नाम का डॉगी था. डोगो अर्जेंटीनो जूनो की एक दिन अचानक तबीयत खराब गई और समय पर उसे वेटनरी डॉक्टर नहीं मिला, जिसके कारण जूनो की मौत हो गई. इसके बाद मनीष पॉल ने बेजुबान पालतू जानवरों के लिए कुछ अलग सोचा।
मनीष का कहना है कि डोगो अर्जेंटीनो नस्ल के “पेट जूनो” के गुजर जाने के बाद वह बहुत परेशान हुए और किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था. इसके बाद अपनी सहयोगी हिमानी बैंसला से पेट केयर को लेकर बातचीत हुई और शुरुआत हो गई. सोशल मीडिया यूजर्स के बिचार के बाद “मोंकूडॉग” एक कम्यूनिटी बनाया. इसके बाद वीडियो के माध्यन से टिप्स दिए जाने लगे और लोगों ने इसे खूब पसंद किया. कुछ दिनों के बाद अभिषेक सिंह से भी बात हुई और जुलाई 2021 में तीनों ने मिलकर “मोंकूडॉग ऐप” लॉन्च किया. इसके दूसरे साल ही मोंकूडॉग स्टार्टअप पूरी तरह से कार्य करने लगा।
डॉग से जुड़ी कई तरह की सर्विसेज मोंकूडॉग पर उपलब्ध है. इनमें डॉग ट्रेनिंग, नेल कट, नहलाना-धुलाना इत्यादि जैसी सर्विसेज दी जाती है. इसके अलावा कुछ वेटनरी डॉक्टर्स को भी शामिल किया गया है. मोंकूडॉग में शामिल सभी डॉक्टर्स ऑफलाइन और ऑनलाइन इलाज करते हैं. ऐप या वेबसाइट के माध्यम से मात्र एक रुपए में ऑनलाइन सलाह ले सकते हैं. अगर डॉक्टर को घर बुलाते है तो आपको 999 रुपए की फीस देनी होगी।
एक अनुमान है कि भारत में दस में छह घर कोई न कोई जानवर पालते हैं. कहा जा रहा है कि वर्तमान समय में देश में करीब 4 करोड़ से अधिक लोग तो सिर्फ कुत्ते पालते हैं. इसके अलावा लोग अपने घरों में कुछ और जानवर पालते हैं।
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