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पत्थर सजीव हो सकता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते… रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर स्वामी मौर्य का विवादित बयान

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दिया है. स्वामी मौर्य ने कहा कि अगर पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा करने से वह सजीव जाता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं […]

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पत्थर सजीव हो सकता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते… रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर स्वामी मौर्य का विवादित बयान
  • January 24, 2024 1:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विवादित बयान दिया है. स्वामी मौर्य ने कहा कि अगर पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा करने से वह सजीव जाता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते हैं. सपा नेता ने यह बयान गाजीपुर के लंका मैदान में जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में दिया है. समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में स्वामी प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि थे.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा?

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कार्यक्रम में कहा कि देश में बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा ना हो इसलिए ऐसा ड्रामा किया जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस कार्यक्रम से दूरी ली, क्योंकि उनको भी दिल्ली में हुआ अपना अपमान याद था. मौर्य ने कहा कि भगवान राम तो हजारों साल से पूजे जा रहे हैं. करोड़ों लोग हजारों सालों से जिसकी पूजा कर रहे हैं, उसके अंदर प्राण प्रतिष्ठा करने की जरूरत क्या है. सत्ता में बैठे हुए लोग आज अपने पापों को छुपाने के लिए इस तरह की ड्रामेबाजी कर रहे हैं.

भगवान से बड़ा होना चाहते हैं

समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि आज यह लोग प्राण प्रतिष्ठा कर खुद को भगवान से भी बड़ा साबित करना चाहते हैं. लेकिन हमें लोगों को समझाना पड़ेगा कि बेरोजगारी पर चर्चा ना हो इसलिए ही इस तरह के ड्रामा का सहारा लिया जा रहा है. अगर वाकई में यह कोई धार्मिक अनुष्ठान होता तो इसमें चारों शंकराचार्य शामिल होते. देश की राष्ट्रपति आमंत्रित होने के बाद भी यहां नहीं आईं क्योंकि वे पूर्व में हुए अपने अपमान को भूल नहीं पाईं हैं. स्वामी मौर्य ने आगे कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का ही बनकर रह गया. पूरे कार्यक्रम को विश्व हिंदू परिषद, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग ही कर रहे थे.

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