• होम
  • देश-प्रदेश
  • बीजेपी सरकार हटी तो वक्फ बिल करेंगे रद्द, ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान

बीजेपी सरकार हटी तो वक्फ बिल करेंगे रद्द, ममता बनर्जी का बड़ा ऐलान

ममता बनर्जी के इस ऐलान ने वक्फ बिल को लेकर सियासी जंग को और तेज कर दिया है. अगर यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाता है तो यह कानून बन जाएगा. लेकिन ममता का दावा है कि बीजेपी के सत्ता से हटते ही इसे रद्द करने की मुहिम शुरू होगी.

Mamata Banerjee
inkhbar News
  • April 3, 2025 7:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

Mamta Banerjee On Waqf Bill: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है. लोकसभा में इस बिल के पारित होने के बाद गुरुवार को ममता ने ऐलान किया कि अगर बीजेपी नीत सरकार सत्ता से हटती है तो नई सरकार बनते ही इस विधेयक को रद्द करने के लिए कदम उठाया जाएगा. उन्होंने बीजेपी पर देश को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बिल संविधान और राज्यों के अधिकारों के खिलाफ है.

लोकसभा में पास

बुधवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया. करीब 12 घंटे की लंबी बहस के बाद देर रात एनडीए के 288 सांसदों ने इसके पक्ष में मतदान कर इसे पास करवा दिया. विपक्ष के 232 सांसदों ने बिल का विरोध किया लेकिन संख्या बल के आगे उनकी नहीं चली. अब गुरुवार को यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया है जहां इस पर चर्चा जारी है.

ममता का बीजेपी पर हमला

ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा ‘बीजेपी ने देश को बांटने के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया है. जब बीजेपी की सरकार हटेगी और नई सरकार आएगी तो हम इस बिल को रद्द करने के लिए संशोधन लाएंगे.’ उन्होंने इसे अल्पसंख्यक समुदाय के हितों पर हमला बताते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए. ममता ने दावा किया कि यह बिल न केवल असंवैधानिक है बल्कि देश की एकता के लिए भी खतरा है.

तृणमूल कांग्रेस का विरोध

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ वोट किया. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने इसे राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण करार दिया. उन्होंने कहा ‘मुसलमानों को अपनी संपत्ति का पूरा हक है. वक्फ संपत्ति मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का आधार है.’ बनर्जी ने जोर देकर कहा कि संसद को ऐसा कानून बनाने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह राज्य सरकारों के क्षेत्राधिकार में आता है.

विधेयक असंवैधानिक क्यों?

कल्याण बनर्जी ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए तर्क दिया कि संविधान संसद को इस तरह के कानून बनाने की इजाजत नहीं देता. उन्होंने कहा ‘यह विधेयक राज्य विधायिकाओं के अधिकारों का हनन करता है. यह उन सिद्धांतों को नजरअंदाज करता है जो सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों ने विभिन्न फैसलों में स्थापित किए हैं.’ टीएमसी का मानना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड को कमजोर करने की साजिश है.

एनडीए का समर्थन, विपक्ष का हंगामा

लोकसभा में एनडीए के सहयोगी दलों ने बिल का समर्थन किया. जबकि विपक्ष ने एकजुट होकर इसका विरोध किया. 12 घंटे की बहस के दौरान विपक्ष ने इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया लेकिन एनडीए की संख्या के आगे उनकी बात नहीं सुनी गई. अब राज्यसभा में भी इस बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की उम्मीद है.

ममता बनर्जी के इस ऐलान ने वक्फ बिल को लेकर सियासी जंग को और तेज कर दिया है. अगर यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाता है तो यह कानून बन जाएगा. लेकिन ममता का दावा है कि बीजेपी के सत्ता से हटते ही इसे रद्द करने की मुहिम शुरू होगी. यह विधेयक अब देश में एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे के रूप में उभर रहा है.

यह भी पढे़ं- कई देशों में जितनी जमीनें नहीं होती, उससे ज्यादा कब्जा किया हुआ है…वक्फ बिल पर बोलीं कंगना रनौत