ICJ Verdict On Kulbhushan Jadhav Case: भारतीय नागरिक कुलभाषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने वियना संधि का उल्लंघन करने पर पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए सैन्य अदालत के जाधव को मौत की सजा दिए जाने वाले फैसले की प्रभावी समीक्षा कर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है.
द हॉग. नीदरलैंड के द हेग में स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभाषण जाधव के मामले में पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. अदालत ने पाकिस्तान को वियना संधि का उल्लंघन करने को लेकर फटकार लगाते हुए पाकिस्तान के कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने वाले अपने फैसले की प्रभावी समीक्षा कर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जाना चाहिए.
अदालत के इस फैसले में 16 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से यह तय किया है कि यह मामला विएना संधि के अनुसार अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है. 15 जजों ने इस फैसले पर सहमति दिखाई जबकि 1 जज ने अस्वीकार किया है.
क्या होता है काउंसलर एक्सेस
काउंसलर एक्सेस के अनुसार, अगर किसी देश का व्यक्ति दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है तो उसे अपने देश के हाईकमीशन और एबेंसी के अधिकारियों से संपर्क करने दिया जाता है. अगर कोई देश ऐसा करता है तो वह वियना संधि के तहत उल्लंघन माना जाता है. लेकिन कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस नहीं दिया था.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को जासूसी का दोषी पाकर फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव को 3 मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कुल भूषण जाधवा का ईरान से अपहरण किया गया जहां वे निजी व्यापार करते थे. भारत ने अंतराष्ट्रीय कोर्ट में दलील में कहा था कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत का जाधव को मौत की सजा का फैसला दबाव और कबूलनामे के आधार पर लिया गया है जो रद्द होना चाहिए.
वहीं भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस तो कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की भी दलील पेश की, जिसके अनुसार जाधव को भारतीय दूतावास के अधिकारियों से बात करने की इजाजत दी जाए. भारत का कहना था कि पाकिस्तान काउंसर एक्सेस न देकर वीयना संधि का उल्लंघन कर रहा है. वहीं पाकिस्तान का कहना था कि कुलभूषण जाधव को जासूसी के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है इसलिए काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जा सकता है.