नई दिल्ली. आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन लोन केस में विवाद में फंसने के बाद अक्टूबर, 2018 में एमडी और सीईओ के पद से इस्तीफा दे चुकीं चंदा कोचर को पिछली तारीख से टर्मिनेट करने का फैसला किया है. बैंक के बोर्ड ने पहले कोचर को इस मामले में क्लीन चिट दी थी लेकिन जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की जांच रिपोर्ट में चंदा कोचर को बैंक की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना गया जिसे बोर्ड ने भी मानकर चंदा कोचर के बैंक से अलग होने को इस्तीफा के बदले बर्खास्त मानने का फैसला किया है. बैंक के बोर्ड ने 2009 से चंदा कोचर को मिले बोनस और शेयर भी वापस लेने का फैसला किया है जिसकी वजह से अनुमान है कि चंदा कोचर को बैंक को 350 करोड़ रुपए लौटाने पड़ सकते हैं.
आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने कहा है कि चंदा कोचर का इस्तीफा नहीं माना जाएगा बल्कि माना जाएगा कि उन्हें कंपनी से निकाला गया है और उनके बोनस समेत सभी तरह की पेमेंट रोक दी जाएगी. आईसीआईसीआई बैंक ने बयान में कहा, ‘चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक आचार संहिता का उल्लंघन कर रही थी. निदेशक मंडल ने बैंक की आंतरिक नीतियों के तहत चंदा कोचर को बैंक से टर्मिनेशन फॉर कॉज के तहत निकालने का फैसला किया है.’
Chanda Kochhar and Videocon Loan Case: कौन हैं चंदा कोचर और क्या है आईसीआईसीआई-विडियोकॉन लोन मामला?
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