ICICI Bank Videocon loan Case Chanda Kochhar: आईसीआईसीआई विडियोकॉन लोन केस में ICICI बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और वीडियोकॉन कंपनी के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही है. शुक्रवार को पांच जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बाद आज यानी कि शनिवार को ईडी ने चंदा कोचर और वेणुगोपाल धूत को पूछताछ के लिए बुलाया है.
मुंबई. ICICI Bank Videocon loan Case Chanda Kochhar: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत पर प्रवर्तन निदेशालय की दबिश बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को चंदा कोचर और वेणुगोपाल धूत के ऑफिस और अन्य ठिकानों पर छापेमारी के बाद अब ईडी ने दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया है. यह पूछताछ आईसीआईसीआई वीडियोकॉन लोन केस के मामले में की जाएगी. आरोप है कि आईसीआईसीआई ने वीडियोकॉन को बैंकिग नियमों को ताक पर रख कर लोन दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बुलाए जाने के बाद आईसीआसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर अपने पति दीपक कोचर के साथ मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पहुंच चुकी है. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बात की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया है. इस केस में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत से भी पूछताछ की जानी है.
ICICI Bank-Videocon loan case: Former ICICI Bank MD & CEO Chanda Kochhar and Deepak Kochhar have reached Enforcement Directorate's (ED) Mumbai office for questioning. pic.twitter.com/D21uPkXV0Z
— ANI (@ANI) March 2, 2019
चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने अपने नेतृत्व के समय वीडियोकॉन कंपनी को लोन दिलवाने में मदद की. साल 2008 में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन कंपनी को 3250 करोड़ रुपये का लोन दिलवाया था. वीडियोकॉन कंपनी के मालिक वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी. जिसे यह लोन दिया गया था. आरोप है कि इस लोन को दिलवाने में चंदा कोचर की बड़ी भूमिका थी.
Former ICICI Bank MD & CEO Chanda Kochhar has been called by Enforcement Directorate, Mumbai for questioning in ICICI Bank-Videocon loan case. Videocon's Venugopal Dhoot has also been called today.Yesterday,ED had searched premises of Chanda Kochhar and Venugopal Dhoot.(file pic) pic.twitter.com/ZxdvmLdtVN
— ANI (@ANI) March 2, 2019
बाद में इस लोन का 86 प्रतिशत लगभग 2810 करोड़ रुपये को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) में डाल दिया गया. दूसरी ओर वेणगोपाल धूत को लोन नहीं चुका पाने के कारण दिवालिया घोषित कर दिया गया. इस विवाद में आईसीआईसीआई बैंक की साख पर धूमिक हुई थी. बाद में जांच होने के बाद चंदा कोचर को पिछले साल अक्टूबर में पद से इस्तीफा देना पड़ा. भारतीय बैंकिग सेक्टर में शून्य से शिखर तक का सफर तय करने वाली चंदा कोचर के करियर पर इस केस को बड़ा दाग कहा जा रहा है. फिलहाल इस केस में ईडी की जांच जारी है. जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पूरा मामला क्लियर हो पाएगा.