रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और 2002 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल इन दिनों काफी चर्चा में हैं. शुक्रवार को ईडी की टीम ने उनके अलग-अलग ठिकानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. यह कार्रवाई खूंटी के मनरेगा घाटे से संबंधित है. ईडी ने उससे जुड़े 18 से ज्यादा […]
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और 2002 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल इन दिनों काफी चर्चा में हैं. शुक्रवार को ईडी की टीम ने उनके अलग-अलग ठिकानों से 19.31 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की. यह कार्रवाई खूंटी के मनरेगा घाटे से संबंधित है. ईडी ने उससे जुड़े 18 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड समेत देश के कई राज्यों में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के करीबी रिश्तेदारों के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है. फिलहाल ईडी की 18 जगहों पर छापेमारी पूरी हो चुकी है. हालांकि ईडी के अधिकारी अभी भी कुछ जगहों पर मौजूद हैं. रांची स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापेमारी के दौरान 19 करोड़ 31 लाख रुपये जब्त किए गए. इसके साथ ही कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं. यह चार्टर्ड अकाउंटेंट आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल का करीबी बताया जाता है.
प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार रात को ही रांची पहुंच गई थी. देर रात टीम एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी कार्यालय में रुकी और यहीं से छापेमारी का पूरा खाका तैयार किया गया. शुक्रवार सुबह ईडी की टीम पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल पहुंची. इसके अलावा वे रांची में अपने अन्य स्थानों पर भी पहुंचे.
जानकारी के मुताबिक ईडी की टीम ने रांची पुलिस को इस कार्रवाई की जानकारी भी नहीं दी. ईडी ने जांच में मदद के लिए सीआईएसएफ और सीआरपीएफ पर भरोसा किया और उन्हें साथ ले गए. ईडी के अधिकारी जहां स्कूल बसों, कारों और अन्य वाहनों में संबंधित स्थानों पर पहुंचे, वहीं पल्स अस्पताल को सीआरपीएफ के अधिकारियों ने घेर लिया. इसके अलावा अधिकारी पूजा सिंघल के आवास भी पहुंचे. यह कार्रवाई एक साथ कई जगहों पर की गई.
ईडी खूंटी और छतरा जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम (मनरेगा) में सिंघल की संलिप्तता की भी जांच कर रहा है. पूजा सिंघल 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. वह पहले खूंटी जिले में उपायुक्त के पद पर तैनात थीं. इसके साथ ही ईडी सिंघल के खिलाफ शिकायत के आधार पर भी जांच कर रही है कि वह अपनी पसंद के ठेकेदारों को स्वेच्छा से रेत खनन का ठेका दे रही है. झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार ने फरवरी 2022 में ईडी के पास यह शिकायत दर्ज कराई थी.