IAF wing commander abhinandan varthaman: एयर चीफ मार्शल एस कृष्णस्वामी ने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान वायुसेना के पहले ऐसे पायलट हैं, जिन्होंने पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ 16 लड़ाकू विमान को मार गिराया. यह कारनामा उन्होंने मिग-21 बाइसन विमान से किया. 26 फरवरी को भारत ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेते हुए पीओके में एयर स्ट्राइक कर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था.
नई दिल्ली. वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के पाकिस्तान से रिहा होकर भारत लौटने का जश्न पूरा देश मना रहा है. वह शुक्रवार को पाकिस्तान की कस्टडी से छूटकर भारत वापस आ गए. लेकिन उनके नाम ऐसा कारनामा जुड़ गया है, जो भारतीय वायुसेना का कोई पायलट कर पाया हो.
वह वायुसेना के पहले ऐसे फाइटर पायलट बन गए हैं, जिन्होंने मिग-21 बाइसन विमान से अत्याधुनिक एफ 16 विमान मार गिराया. यह जानकारी एयर चीफ मार्शल एस कृष्णस्वामी ने दी है. 26 फरवरी को भारत ने पीओके में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठन के ठिकानों पर बम गिराकर उन्हें तबाह कर दिया. इसके अगले दिन पाकिस्तानी विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में घुस आए.जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने पलटवार किया और अभिनंदन वर्तमान ने पाकिस्तान का एफ 16 विमान मार गिराया. इस दो सीटर लड़ाकू विमान को पाकिस्तानी वायुसेना की रीढ़ माना जाता है.
वहीं भारत का मिग 21 बाइसन एडवांस एयरक्राफ्ट है लेकिन उसकी हवाई युद्ध में एफ 16 से तुलना नहीं की जा सकती. भारतीय वायुसेना सरकार से कई बार आधुनिक विमान खरीदने की गुहार लगाती रही है. फिलहाल 100 लड़ाकू विमानों की तत्काल जरूरत है. वायुसेना के सुखोई विमान भी दो दशक पुराने हैं और उन्हें अपग्रेड करने की जरूरत है.
अभिनंदन का वीडियो:
"Sorry Major, I'm not supposed to tell you."#Smartness level is really unbelievable.#Abhinandan_Varthaman❤#WingCommander #IAF❤ pic.twitter.com/YHmy76gKmF
— Buddhadeb Paul • বুদ্ধদেব পাল (@BuddhadebPaul07) February 28, 2019
बुधवार को आमने-सामने की लड़ाई (डॉगफाइट) में मिग-21 बाइसन काबिल हथियार साबित हुआ. इसमें करीब-करीब वह सारी खूबियां हैं, जिनसे एफ 16 लैस है. एयर डिफेंस में भी मिग-21 बाइसन वही हथियार ले सकता है, जो एफ 16 में इस्तेमाल होते हैं. लेकिन तेजी से जगह बदलने में एफ 16 के आगे मिग 21 बाइसन कहीं नहीं ठहरता. बाइसन के पायलट मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के साथ प्रैक्टिस करते हैं.
समय-समय पर उन्हें विदेशी वायुसेनाओं के साथ प्रैक्टिस करने का भी मौका मिलता है. लेकिन फिर भी भारतीय वायुसेना को राफेल जैसे अत्याधुनिक और पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जरूरत है, जिनके आगे दुश्मन का हर वार खाली जाएगा.