नई दिल्ली. ये नया हिंदुस्तान है, ये घर में घुसेगा भी और मारेगा भी. यह डायलॉग तो आपने जरूर सुना होगा. उरी हमले के बाद पीओके में घुसकर भारतीय पैरा कमांडोज ने आतंकवादी लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया था. भारत ने पहले भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक्स’ की हैं लेकिन यह पहली बार था, जब भारत ने दुनिया को इस बारे में बताया. 14 फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों ने शहादत दी.
इन जवानों पर अपने बच्चों, माता-पिता, पत्नी और बहनों की जिम्मेदारी थी. कई ऐसे थे, जिनकी कमाई से ही घर चल रहा था. जवानों की शहादत का बदला लेने और आतंकवादियों व पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का पूरा दबाव नरेंद्र मोदी सरकार पर था. 25-26 फरवरी की रात जब आम जनता चैन से अपने घरों में सोई हुई थी तो भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने सर्जिकल स्ट्राइक 2 कर पीओके और पाकिस्तान को दहलाकर रख दिया.
एयरफोर्स ने बालाकोट, चिकोठी और मुजफ्फराबाद में 1000 किलो लेजर गाइडेड मिसाइल गिराकर ने जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के 300 आतंकवादियों को 72 हूरों के पास भेज दिया. इस हमले में जैश सरगना मसूद अजहर का साला मौलाना यूसुफ भी मारा गया. इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा में भी आतंकवादियों को निशाना बनाया गया. जैश का कंट्रोल रूम भी नेस्तनाबूद कर दिया. 21 मिनट के इस ऑपरेशन की निगरानी साउथ ब्लॉक में बैठकर पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे थे. उनके साथ एनएसए अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं.
भारत ने एक बार फिर दुनिया को बता दिया कि उसे अब ‘शांतिप्रिय’ देश ही न समझा जाए. अगर हमला होगा तो वह चुप नहीं बैठेगा बल्कि अंदर घुसकर मारेगा. न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि अमेरिका और अन्य देशों को पूरा भरोसा था कि भारत कुछ ‘बड़ा जरूर’ करेगा. कब-कहां और कैसे यह इसका अंदाजा किसी को नहीं था. पीएम मोदी ने बयान में भी कहा था कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी.
पीओके में हमले के वक्त भारतीय लड़ाकू विमानों की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान का एफ 16 विमान उनके सामने आया था लेकिन एयरफोर्स का फॉर्मेशन देखकर उल्टा लौट गया. पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक वन से शायद अब भी सबक नहीं लिया. अब भी इसी गलफत में बैठा है कि भारतीय संसद पर हमले और 26/11 मुंबई अटैक की तरह भारत सिर्फ निंदा ही करेगा. लेकिन दुनिया बदल चुकी है. भारत बदल चुका है.
ऐसा नहीं है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर करने की पहल नहीं की. कड़ी आलोचना के बावजूद पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ को पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया. नवाज के जन्मदिन पर मोदी उन्हें बधाई देने लाहौर तक गए. लेकिन पड़ोसी देश है कि आतंकवाद का रास्ता छोड़ने को तैयार नहीं. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि आप अपने दुश्मन बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं. मेरा मानना है कि अगर पड़ोसी बदल नहीं सकते तो कम से कम उसकी अक्ल तो ठिकाने लगा ही सकते हैं. उम्मीद है कि पाकिस्तान भारत की इस जवाबी कार्रवाई से सबक जरूर लेगा वरना कहीं सर्जिकल स्ट्राइक 3 में पड़ोसी देश खुद की बलि न चढ़ा ले. बाकी 300 आतंकवादियों को मारकर देश की जनता का जोश इस वक्त हाई तो जरूर है.
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