नई दिल्ली. भारतीय सेना को पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर “आईएसी विक्रांत” (IAC Vikrant) मिल गया है, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विमानवाहक पोत को नौसेना को सौंपा. विक्रांत भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है, नौसेना में इसके शामिल होने से भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में भी शुमार हो गया है, जिनके पास खुद विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है.
क्या है इसकी खासियत
- आईएसी विक्रांत का वजन 40,000 टन है और इसपर 30 फाइटर जेट्स तैनात किए गए हैं. इनमें MiG-29K, Kamov-31 और MH-60R हेलीकाप्टर भी शामिल है. इसके अलावा IAC विक्रांत में 2,300 से ज्यादा कंपार्टमेंट हैं जिसे लगभग 1700 लोगों के लिए तैयार किया है. साथ ही इसमें महिला अधिकारियों के लिए अलग से एक स्पेशल केबिन भी बनाया गया है. इसकी टॉप स्पीड 23 नॉट्स है, ये एक बार में 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है वहीं आईएसी विक्रांत की लंबाई 262 मीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 62 मीटर और ऊंचाई 59 मीटर है. IAC विक्रांत का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था.
- आईएसी विक्रांत की असली ताकत समुद्र में सामने आती है, जहां इसकी अधिकतम स्पीड 28 नॉट्स तक है यानी करीब 51 किमी प्रतिघंटा वहीं इसकी सामान्य गति 18 नॉट्स यानी 33 किमी प्रतिघंटा तक है. यह एयरक्राफ्ट कैरियर एक बार में 7500 नॉटिकल मील यानी 13,000+ किलोमीटर की दूरी भी तय कर स्क्ट्स है.
- इस एयरक्राफ्ट कैरियर की विमानों को ले जाने की क्षमता और इसमें लगे हथियार इसे दुनिया के कुछ खतरनाक पोतों में शुमार करते हैं. भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह युद्धपोत एक बार में 30 एयरक्राफ्ट ले जा सकता है और इनमें मिग-29 के फाइटर जेट्स के साथ-साथ कामोव-31 अर्ली वॉर्निंग हेलिकॉप्टर्स, एमएच-60आर सीहॉक मल्टीरोल हेलिकॉप्टर और एचएएल द्वारा निर्मित एडवांस्ड लाइट हेलीकाप्टर भी शामिल है, नौसेना के लिए भारत में निर्मित लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट- एलसीए तेजस भी इस एयरक्राफ्ट कैरियर के जरिए आसानी से उड़ान भर सकते हैं.
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