नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को रिहा कर दिया गया है. गुरुवार सुबह उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था. विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ असम के कई जिलों में 15 FIR दर्ज़ की गई थी. हालांकि असम पुलिस और दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और शीर्ष अदालत के आदेश पर उन्हें कुछ ही घंटों में रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद भी उनके सुर नहीं बदले हैं. उन्होंने न्यायपालिका पर पूरा भरोसा जताया है और अपना संघर्ष जारी रखने की बात कही है.
पवन खेड़ा ने कोर्ट से बाहर आने के बाद मीडिया से कहा कि ‘मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और मैं जानता हूं कि मैंने आज जो सच की लड़ाई लड़ी है, उसमें संघर्ष करना पड़ता है. मैं लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा.’ इस दौरान जब पवन खेड़ा से उनपर हुए केस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया. बता दें, सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा की तरफ से दलील रखी थी. अपनी दलील में सिंघवी ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी पर दिया गया खेड़ा का बयान स्लिप ऑफ टंग था, जिसके लिए खेड़ा ने उस समय माफ़ी भी मांग ली थी.
20 फरवरी को उन्होंने अडानी मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिवंगत पिता के बारे में एक विवादित बयान दिया था. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए सवाल किया था कि अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र गौतमदास मोदी क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने इस दौरान पीएम के पिता पर एक टिप्पणी करते हुए उनका नाम गलत ले लिया था. हालांकि बाद में उन्होंने आस-पास लोगों से पूछा भी कि दामोदरदास नाम है या गौतमदास। लेकिन आगे खेड़ा कहते हैं कि ‘ नाम भले दामोदरदास है, लेकिन उनका काम गौतमदास है.’ बाद में उन्होंने इस आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सफाई भी दी थी और कहा था कि उस समय वह कन्फ्यूजन में थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब पवन खेड़ा को जमानत मिल गई है लेकिन देश भर में विपक्ष के पास एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधने का मुद्दा मिल गया है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा के खिलाफ हुई तीनों FIR को एक जगह पर क्लब करने का आदेश दिया है. हालांकि अब तक यह तय नहीं है कि एक साथ इस मामले पर किस कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. बता दें, कांग्रेस ने कोर्ट से पवन खेड़ा के खिलाफ की गई FIR को रद्द करने की मांग की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को मानने से इनकार कर दिया है. बता दें, कांग्रेस प्रवक्ता पर जो आरोप लगाए गए हैं उससे उन्हें तीन से पांच साल की सजा भी हो सकती है.
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