भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ का विदाई भाषण इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, एमपी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मलिमथ ने अपनी रिटायरमेंट स्पीच में कहा कि हमने संसद की जगह पर संविधान की सेवा की है. इसके साथ ही उन्होंने उन लोगों […]
भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ का विदाई भाषण इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, एमपी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मलिमथ ने अपनी रिटायरमेंट स्पीच में कहा कि हमने संसद की जगह पर संविधान की सेवा की है. इसके साथ ही उन्होंने उन लोगों की कड़ी आलोचना की जिन्होंने अदालत के काम में दखल देने की कोशिश की.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रवि मलिमथ ने अपने विदाई भाषण में कहा कि मुझे कर्नाटक से ट्रांसफर कर उत्तराखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया, लेकिन मैं वहां पर मुख्य न्यायाधीश नहीं बन सका. इसके बाद मेरा ट्रांसफर करके मुझे एमपी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त कर दिया गया. मलिमथ ने कहा कि यह सभी ट्रांसफर सिर्फ मुझे परेशान करने के लिए किए जा रहे थे. मैंने हिमाचल, विंध्य, यमुना और गंगा की भूमि की बहुत सेवा की है. वास्तव में कहें तो मैंने भारत की काफी सेवा की है और मैं इस अवसर के लिए सभी का शुक्रिया अदा करता हूं.
जस्टिस रवि मलिमथ ने आगे कहा कि कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने महीनों और सालों तक मेरे करियर पर बुरा असर डालने की पूरी कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं पाए. उन्होंने कहा कि मैं इस वक्त कुछ भी कह सकता हूं और उन लोगों का नाम भी उजागर कर सकता हूं, लेकिन मैं उन सभी को सिर्फ इतनी ही सलाह देना चाहता हूं कि मेरे पर ध्यान देने के बजाय अपनी जिंदगी पर ध्यान दें.
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