लखनऊ: पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने टिकट कटने के बाद पीलीभीत की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखा है। एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पीलीभीत की जनता की सेवा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे। अपने इस पत्र में, उन्होने पहली बार पीलीभीत आने से लेकर, अपने पीलीभीत […]
लखनऊ: पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने टिकट कटने के बाद पीलीभीत की जनता के नाम एक भावुक पत्र लिखा है। एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पीलीभीत की जनता की सेवा के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे। अपने इस पत्र में, उन्होने पहली बार पीलीभीत आने से लेकर, अपने पीलीभीत के सांसद बनने तक, और वहां की जनता से जुड़ाव का भी जिक्र किया है।
बुधवार को वरुण गांधी का पिछले 35 साल से चला आ रहा राजनीतिक रिश्ता खत्म हो गया। 35 साल में यह पहली बार है कि वरुण गांधी या उनकी मां ने पीलीभीत सीट से पर्चा नहीं भरा। पीलीभीत से अपना राजनीतिक रिश्ता खत्म होने पर वरुण गांधी ने भावुक पत्र लिखते हुए कहा कि मेरा और पीलीभीत का संबंध प्यार और भरोसे का है, जो सियासी गणित से बहुत ऊपर है। उन्होने कहा कि ‘मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इतने सालों तक पीलीभीत की जनता की सेवा करने का अवसर मिला। मुझे उस छोटे से बच्चे की याद आ रही है जो 3 साल का था, जो अपनी मां की उंगली पकड़ कर 1983 में पहली बार पीलीभीत आया था। आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं तो ऐसी बहुत सारी यादों ने मुझे भावुक कर दिया है। उन्होने आगे कहा कि मेरे दरवाजे हमेशा पीलीभीत के लोगों के लिए खुले हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी के आखिर में लिखा है कि मैं आपका था, हूं और रहूंगा.
पार्टी ने पीलीभीत से वरुण गांधी की जगह यूपी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद को उतारा है। वरुण गांधी ने टिकट कटने के बाद अभी तक न तो भाजपा छोड़ी है और न ही उनकी तरफ से कोई ऐसा संकेत है। इसलिए लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि पार्टी उन्हे किसी और सीट से चुनाव लड़वा सकती है।
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