मैंने कहा था ना, जल्दी आऊंगा… जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल का भावुक भाषण

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 40 दिनों बाद शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए. रिहाई के बाद केजरीवाल ने जेल के बाहर इकट्ठा हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक छोटा लेकिन भावुक भाषण दिया. AAP संयोजक कार्यकर्ताओं से बोले, मैंने कहा था ना, जल्दी […]

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मैंने कहा था ना, जल्दी आऊंगा… जेल से रिहाई के बाद केजरीवाल का भावुक भाषण

Vaibhav Mishra

  • May 10, 2024 7:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 months ago

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 40 दिनों बाद शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से रिहा हो गए. रिहाई के बाद केजरीवाल ने जेल के बाहर इकट्ठा हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक छोटा लेकिन भावुक भाषण दिया. AAP संयोजक कार्यकर्ताओं से बोले, मैंने कहा था ना, जल्दी जेल से बाहर आऊंगा. आज आपके बीच आकर अच्छा लग रहा है. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि हम सभी को मिलकर देश को तानाशाही शासन से बचाना है. मैं तन-मन-धन से इस तानाशाही सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं.

रिसीव करने पहुंचे बेटी-पत्नी और मान

सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद केजरीवाल की यह रिहाई हुई है. AAP सुप्रीमो को जेल से रिसीव करने के लिए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और बेटी हर्षिता के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान भी तिहाड़ पहुंचे थे. केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. इसके बाद 2 जून को उन्हें हर हाल में सरेंडर करना होगा.

इस शर्त पर कोर्ट ने दी है जमानत

बता दें AAP सुप्रीमो को यह जमानत लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मिली है. जब इस मामले की पिछली सुनवाई हुई थी उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 5 साल में आते हैं और ये असाधारण परिस्थिति है. अदालत ने शुक्रवार को शर्तों के आधार पर अरविंद केजरीवाल को जमानत दी. कोर्ट ने कहा कि हमारी शर्त है कि वे (केजरीवाल) सरकार के काम में बिल्कुल भी दखलंदाजी नहीं करेंगे. न ही कोई आधिकारिक कार्य करेंगे. अगर ऐसा हुआ तो फिर ये हितों का टकराव होगा.

जमानत के पक्ष में कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने जमानत के पक्ष में कहा कि अरविंद केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं है. यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति हैं. लोकसभा का चुनाव चल रहा है और केजरीवाल दिल्ली के चुने हुए सीएम हैं. अगर चुनाव नहीं चल रहा होता तो अंतरिम जमानत देने का सवाल ही नहीं उठता.

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