चंडीगढ़/लखनऊ/नई दिल्ली: काफी कोशिशों के बाद भी हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं हो सका. इसके बाद AAP ने ऐलान कर दिया कि वह राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. AAP के नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस के मनमाने रवैये की वजह से हरियाणा में […]
चंडीगढ़/लखनऊ/नई दिल्ली: काफी कोशिशों के बाद भी हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन नहीं हो सका. इसके बाद AAP ने ऐलान कर दिया कि वह राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. AAP के नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस के मनमाने रवैये की वजह से हरियाणा में दोनों दलों का गठबंधन नहीं हो सका, जिसके बाद अब पार्टी ने पूरे हरियाणा में प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है.
बता दें कि हरियाणा के अलावा एक राज्य और हैं जहां पर कांग्रेस की सहयोगी पार्टी ने उसपर मनमानी करने का आरोप लगाया है. यह राज्य है उत्तर प्रदेश. सियासी गलियारों में चर्चा है कि यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गई है.
चर्चाओं की मानें तो कांग्रेस 5 सीटों पर उपचुनाव लड़ना चाहती है. उसने इसे लेकर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. कांग्रेस के इस फैसले को लेकर समाजवादी पार्टी में नाराजगी देखी जा रही है. सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने अपने बयानों से ऐसा संदेश दिया है कि इस बार सपा अपने अंदाज में कांग्रेस को जवाब देने का मूड बना चुकी है. उन्होंने कहा कि हम जो सीटें मांग रहे हैं वो कांग्रेस हमें नहीं दे रही हैं.
लोकसभा चुनाव साथ लड़कर यूपी में भाजपा को करारा झटका देने वाली सपा और कांग्रेस के रिश्तों में दरार आने की चर्चा है. दोनों दलों के बीच की यह खटपट अब उपचुनाव में खुलकर दिखने लगी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में यूपी में 6 सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस अपने आप को और मजबूत करने में जुटी हुई है. कांग्रेस फिर से यूपी को अपना मजबूत गढ़ बनाना चाहती है. यही वजह है कि वह आगामी उपचुनाव में वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. हालांकि, सपा को कांग्रेस की यह चाल मंजूर नहीं है.
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