जस्टिस गवई इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। इसके बावजूद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है। उन्होंने शीर्ष अदालत की तुलना उच्च न्यायालय से भी की।
नई दिल्ली। जस्टिस बीआर गवई ने सुप्रीम कोर्ट के हालात पर एक बार फिर जमकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय को सबसे अनुशासनहीन जगह बताया है। बीते साल भी उन्होंने अनुशासन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पर कई सवाल उठाए थे। आपको जानकर हैरानी कि जस्टिस गवई इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। इसके बावजूद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है। उन्होंने शीर्ष अदालत की तुलना उच्च न्यायालय से भी की।
जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट की तुलना में उच्च न्यायालय की तारीफ की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट शोर की बात कही है। उन्होंने कहा, मैं बॉम्बे, नागपुर और औरंगाबाद बेंच में जज रहा हूं, लेकिन मैंने कभी भी सुप्रीम कोर्ट जैसी अनुशासनहीनता कहीं नहीं देखी। यहां हम देख सकते हैं कि 6 वकील एक तरफ बैठे हैं। 6 वकील दूसरी तरफ बैठे हैं और एक साथ चिल्ला रहे हैं। हाईकोर्ट में ऐसा कभी नहीं देखा।
पिछले सितंबर में भी उन्होंने इसी तरह सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब उन्होंने बहस में लगातार रुकावट डाल रहे वकीलों पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था, हम जैसे लोग, जो उच्च न्यायालयों से आते हैं, उनके लिए यह सुप्रीम कोर्ट सबसे अनुशासनहीन अदालत है। कोई भी कहीं से भी बोल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सीजेआई संजीव खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने बीते नवंबर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद पर संभाला था। अब मई 2025 में जस्टिस गवई मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। आपको बता दें जस्टिस गवई देश के दूसरे ऐसे सीजेआई है जो अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। सुप्रीम कोर्ट के पहला दलित सीजेआई जस्टिस केजी बालकृष्ण थे।
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