गंगतोक: मंगलवार (4 अप्रैल) को सिक्किम में आए एवलांच में 7 लोगों की जान चली गई. इस हिमस्खलन में 100 से अधिक लोगों के बर्फ के नीचे फंसे होने की आशंका है. जहां सिक्किम पुलिस और राहत बचाव कार्यों में लगी टीम के साथ स्थानीय लोग भी बर्फ की चादर के नीचे से लोगों को […]
गंगतोक: मंगलवार (4 अप्रैल) को सिक्किम में आए एवलांच में 7 लोगों की जान चली गई. इस हिमस्खलन में 100 से अधिक लोगों के बर्फ के नीचे फंसे होने की आशंका है. जहां सिक्किम पुलिस और राहत बचाव कार्यों में लगी टीम के साथ स्थानीय लोग भी बर्फ की चादर के नीचे से लोगों को बचाने के प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर ट्वीट किया है.
Distressed by the avalanche in Sikkim. Condolences to those who have lost their loved ones. I hope the injured recover soon. Rescue ops are underway and all possible assistance is being provided to those affected: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2023
पीएम मोदी ने इस हादसे पर ट्वीट कर लिखा, सिक्किम में हिमस्खलन से व्यथित हूं। उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपनों को खोया है। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएंगे। बचाव अभियान जारी है और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है.
PM Modi "distressed" by the avalanche in Sikkim which has claimed seven lives. pic.twitter.com/BNbzXwCaDJ
— ANI (@ANI) April 4, 2023
बता दें, अब तक इस विनाशकारी हिमस्खलन में सात लोगों की जानें जा चुकी हैं. इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि एवलांच आने से बस खाई में जा गिरी. इससे 100 से अधिक लोगों के बर्फ में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. इस दौरान 12 लोगों का इलाज जारी है.
ये एवलांच सिक्किम के Tsomgo में आया है जहां अब रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुँच गई है. सभी लोगों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जहां पुलिस और राहत बचाव टीमें बर्फ की चादर से लोगों को लगातार निकालने के प्रयास कर रही है. Tsomgo में मंगलवार को ये तेज बर्फीला तूफान अचानक आया है. इस वजह से टूरिस्ट बस अनियंत्रित हो गई और सीधे खाई में जा गिरी. जानकारी के अनुसार जान गवाने वालों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा भी शामिल है. चिंता की बात ये है कि अभी भी 150 लोग बर्फ के नीचे फंसे हुए हैं. सिक्किम पुलिस के साथ मिलकर स्थानीय लोग भी जमीन पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर चुके हैं.
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब इतने बड़े स्तर पर भारत एवलांच देख रहा हो. इससे पहले जनवरी महीने में ही लद्दाख क्षेत्र में हिमस्खलन आया था. इस बर्फीले तूफ़ान ने दो लड़कियों की भी जान ले ली थी. इसके पिछले साल भी उत्तरकाशी में एवलांच ने भारी तबाही मचाई थी जिसमें 16 लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई थी. ज्ञात हो पहले से ही उत्तराखंड के लिए जोशीमठ एक खतरा बना हुआ है. इसके बाद हिमस्खलन का अलर्ट यहां के लोगों की मुसीबतें और भी बढ़ा रहा है. जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह से स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हालांकि राज्य सरकार और केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर सक्रियता दिखा रही हैं.