शिमला. हिमाचल प्रदेश में अब जब बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ जीत चुकी है. हिमाचल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 44 सीटें मिली है. अब सीएम पद को लेकर भागृदौड़ शुरु हो गई है. इसी बीच हिमाचल के पूर्व सीएम शांता कुमार ने बड़ा बयान दिया है. शांता कुमार ने कहा कि मैं सीएम पद की दौड़ में नहीं हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि देश में एक मजबूत विपक्ष होना चाहिए, जिसके कारण भारत को कांग्रेस मुक्त नहीं होना चाहिए.
बता दें कि शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के भूतपूर्व मंत्री है. वह भारतीय जनता पार्टी के एक नेता है. शांता कुमार 1977 में पहली बार हिमाचल प्रदेश के गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे. 1982 में वह पुनः विधानसभा में लौटे और प्रतिपक्षी सदस्य रहे. 1985 में राज्य असेंबली चुनाव हार गए. 1986 से 1990 तक ये राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने.
फरवरी 1990 में इनको पालमपुर और सुलह निर्वाचन क्षेत्रों से जीत मिली तथा भारतीय जनता पार्टी का नेता चुने गए. शांता कुमार पुनः मुख्यमंत्री बने. 1993 में इन्होंने सुलह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, किंतु हार गए. शांता कुमार केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में मंत्री भी रहे. शांता कुमार दो बार हिमाचल प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री रहे चुके है.
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