Hyderabad Satish Kumar Making Plastic Fuel Petrol: हैदराबाद के सतीश कुमार ने प्लास्टिक से बनाया पेट्रोल, बाजार में कीमत सिर्फ 40 रुपए प्रति लीटर

Hyderabad Satish Kumar Making Plastic Fuel Petrol: देश में बढ़ रही तेल की मंहगाई के बीच हैदराबाद के 45 वर्षीय मेकैनिकल इंजीनियर सतीश कुमार ने पुरानी बेकार प्लास्टिक रिसायकल कर उसे फ्यूल में तब्दील कर नया कारनाम कर दिखाया है. प्लास्टिक से पेट्रोस बनने वाले इस पूरे प्रोसेस को प्लास्टिक पायरोलिसिस कहा जाता है.

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Hyderabad Satish Kumar Making  Plastic Fuel Petrol: हैदराबाद के सतीश कुमार ने प्लास्टिक से बनाया पेट्रोल, बाजार में कीमत सिर्फ 40 रुपए प्रति लीटर

Aanchal Pandey

  • June 25, 2019 8:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

हैदराबाद. देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम सबसे बड़ी परेशानी हैं जिससे रोजमर्रा चलने वाले आम लोग जूझ रहे हैं. पिछले कई सालों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ. इससे बचने के लिए लोगों ने सीएनजी फ्यूल का इस्तेमाल भी शुरू किया लेकिन यह देश की सीमित हिस्सों में ही मौजूद है. ऐसे में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के 45 वर्षीय मेकैनिकल इंजीनियर सतीश कुमार पुरानी बेकार प्लास्टिक रिसायकल कर उसे फ्यूल में तब्दील किया है. प्रोफेसर ने बताया कि तीन प्रक्रिया में होने वाले इस पूरे प्रोसेस को प्लास्टिक पायरोलिसिस कहा जाता है.

गौरतलब है कि प्लास्टिक पिघला कर तेल बनाने वाले प्रोफेसर सतीश कुमार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ पंजीकृत हाइड्रोक्सी प्राइवेट लिमिटेड के नाम की एक कंपनी की शुरुआत की है. प्रोफेसर सतीश कुमार अपनी इस गजब खोज को लेकर कहते हैं कि इस प्रक्रिया से प्लास्टिक को डीजल, विमानन ईंधन और पेट्रोल में बदलने के लिए रिसायकल करने में मदद मिलती है. खास बात है कि करीब 500 किलोग्राम गैर-पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक 400 लीटर ईंधन का उत्पादन कर सकता है.

प्रोफेसर आगे कहते हैं कि यह एक सरल प्रक्रिया है जिसमें पानी की आवश्यकता नहीं होती है, साथ ही पानी का व्यर्थ बहना भी बच जाता है. साथ ही यह प्रोसेस हवा को प्रदूषित नहीं करता है क्योंकि प्रक्रिया एक वैक्यूम में होती है.

प्रोफेसर सतीश कुमार के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया निर्वात से होती है जिससे वायु प्रदुषण भी नहीं होता. साल 2016 से लेकर अब तक सतीश कुमार 50 टन प्लास्टिक को पेट्रोल में बदल चुके हैं. रिसायकल प्रक्रिया के लिए उस प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी भी तरह के इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है.

सतीश कुमार ने बताया कि वे हर रोज 200 किलो प्लास्टिक से 200 लीटर पेट्रोल बनाते हैं. जिसके बाद स्थानीय व्पापारियों को 40 से 50 रुपए प्रति लीटर की दर पर बेचते हैं. हालांकि, ये पेट्रोल वाहनों की सेहत के लिए कितना बेहतर है इसका टेस्ट होना बाकी है. पीवीसी और पीईटी को छोड़कर हर तरह की प्लास्टिक इस प्रक्रिया में इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

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