नई दिल्ली. हैदराबाद एनकाउंटर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ने कहा कि हम इस एनकाउंटर के जांच के पक्ष में है. हम चाहते है कि इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच हो. सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर मामले में जांच कमिटी का गठन किया. जांच कमिटी ये देखेगी की किन परिस्थितियों में एनकाउंटर किया गया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वी एस सिपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया. इसमें बॉम्बे हाई कोर्ट की एक पूर्व जज और पूर्व सीबीआई चीफ शामिल है. कमिश्नर को सीआरपीएफ सुरक्षा मुहैया कराएगा. 6 महीने में कमीशन अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में देगा. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने कहा कि हम अपनी आंखें बंद नही करने वाले कि उन चार आरोपियों ने क्या किया. उन्होंने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है. उन्होंने कहा, हम मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक नही लगा रहे हैं. लेकिन हम जांच के पहलुओं को सार्वजनिक करने पर सोच रहे हैं.
सुनवाई के दौरान वकील जीएस मनी ने कहा कि यह एनकाउंटर पूरी तरह से संदिग्ध है. सीजेआई ने पूछा आपका क्या लेना देना है इससे. मणि ने कहा यह मानवाधिकार से जुड़ा मामला है. इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा पीड़ित लड़की वेटनरी डॉक्टर थी और शुरू से पूरी जानकारी देना शुरू किया. कहा चारों आरोपी सीसीटीवी फुटेज से पहचाने गए थे. सीजेआई ने मुकुल रोहतगी से पूछा चारों आरोपियों ने पुलिस वालों पर हमला शुरू किया? उन्होंने पूछा क्या उन्होंने पुलिस वालों से जो पिस्तौल छीनी थी उससे उनपर फायर किया? मुकुल ने कहा कि फायर किया लेकिन गोली पुलिस वालों को लगी नहीं. मुकुल रोहतगी ने पीयूसीएल मामले में सुप्रीम कोर्ट एक फैसले को पढ़ा. जिसमें कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर गाइड लाइन बनाई थी.
मुकुल ने कहा कि इसमें कोई शक नही की इन्ही चारों आरोपियों ने घटना कल अंजाम दिया था. सीसीटीवी फुटेज सबूत है. जिसमें एक आरोपी के पास डॉक्टर की स्कूटी थी और एक पेट्रोल खरीद रहा था. डॉक्टर की लाश को जलाने के लिए पेट्रोल खरीद रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो एसआईटी का गठन राज्य सरकार ने जांच के लिए किया है वो चलती रहेगी. मुकुल रोहतगी ने कहा कि जो जज नियुक्त होंगे वो एसआईटी की जांच पर नजर रखेंगे? एसआईटी जो जांच करेगी उसकी रिपोर्ट वो जज को देंगे. अगर जज को लगता है कि किसी पहलू की जांच नही हुई तो वो जांच को कहेंगे. लेकिन एक ही समय दो अलग अलग जांच एक ही मामले के लिए नहीं चल सकती.
कोर्ट ने मुकुल को कहा कि अगर आप पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रॉयल चलाते है तो हम कोई आदेश नही जारी करेंगे. लेकिन अगर आप ऐसा नही करते तो हम जांच का आदेश देंगे. सीजेआई ने कहा कि ये कौन कहने जा रहा है कि किसने किसको मारा? और किसके कहने पर? चारों आरोपियों की मौत हो चुकी है अब कोई बचाव पक्ष नही है. आप कोर्ट में ये कहेंगे कि उन्होंने हम पर गोली चलाई जवाबी करवाई में हमनें गोली चलाई और वो मारे गए. ये बिल्कुल मौकारी की तरह है. मुकुल ने कहा की अगर कोर्ट इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्ति करते है तो उन्हें आपत्ति नहीं हैं. लेकिन एनएचआरसी और हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई बंद होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि कोई भी कोर्ट या प्राधिकरण इस मामले की जांच नही करेगा. यानी एनएचआरसी अब मामले की जांच नहीं करेगा. सीजेआई ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर मीडिया में केस की पूरे सबूत सुबह से शाम तक क्यों चलते रहते है? मुकुल ने कहा कि इस मामले में मीडिया को पर खबर चलने के बाद ही सबको पता चला. सीजेआई ने कहा कि हम मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक नही लगा रहे है. लेकिन हम जांच के पहलुओं को सार्वजनिक करने पर सोच रहे है. सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद गैंग रेप की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने से इनकार किया है.
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