इस मंदिर में एक साथ नहीं जा सकते पति-पत्नी, भूलकर भी न करें ये गलती, जानें इसके पीछे का रहस्य!

नई दिल्ली: विवाह के बाद विवाहित जोड़ों के लिए एक साथ पूजा करना शुभ माना जाता है. इससे दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और देवी-देवताओं के आशीर्वाद से दंपत्ति के बीच प्रेम बढ़ता है. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां शादीशुदा जोड़ों को एक साथ पूजा करना मना है. मान्यता के […]

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इस मंदिर में एक साथ नहीं जा सकते पति-पत्नी, भूलकर भी न करें ये गलती, जानें इसके पीछे का रहस्य!

Aprajita Anand

  • September 28, 2024 8:51 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: विवाह के बाद विवाहित जोड़ों के लिए एक साथ पूजा करना शुभ माना जाता है. इससे दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और देवी-देवताओं के आशीर्वाद से दंपत्ति के बीच प्रेम बढ़ता है. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां शादीशुदा जोड़ों को एक साथ पूजा करना मना है. मान्यता के अनुसार, देश के इस मंदिर में अगर पति-पत्नी एक साथ पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं.

जानें कहां है ये मंदिर ?

देश में देवी दुर्गा को समर्पित कई मंदिर स्थित हैं, जहां नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. देवभूमि: हिमाचल प्रदेश के शिमला में समुद्र तल से लगभग 11,000 फीट की ऊंचाई पर माता दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है. नवरात्रि के दौरान यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों के बीच यह मंदिर मां दुर्गा मंदिर और श्रीई कोटि मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर के रखरखाव और धार्मिक कार्यक्रमों की जिम्मेदारी माता भीमा काली ट्रस्ट के पास है.

In This Temple Husband And Wife Do Not Worship Together - Amar Ujala Hindi News Live - इस मंदिर में पति पत्नी के एक साथ पूजा करने पर है रोक, कारण भयावह

Shri Koti Mata Temple

दंपति के साथ दर्शन करने पर…

धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्री कोटि माता मंदिर में पति-पत्नी का एक साथ पूजा करना और दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है. अगर कोई शादीशुदा जोड़ा गलती से भी इस मंदिर में एक साथ दर्शन कर लेता है तो उसे पाप लगता है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. पति-पत्नी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चलता है, दोनों के बीच तलाक तक की नौबत आ जाती और उनकी लव लाइफ में कई परेशानियां आने लगती हैं.

शादीशुदा जोड़े क्यों नहीं जाते दर्शन के लिए?

भगवान शिव और देवी पार्वती के दो पुत्र थे, गणेश जी और कार्तिकेय जी एक दिन भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के बीच शर्त लगी कि दोनों में से कौन तेजी से ब्रह्मांड का चक्कर लगा सकता है. जब कार्तिकेय ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाने आये, तब तक गणेश का विवाह हो चुका था. यह देखने के बाद वह क्रोधित हो गए और उन्होंने कभी शादी न करने का संकल्प लिया. उनके विवाह न करने से माता पार्वती बहुत क्रोधित हो गईं. उन्होंने कहा कि जो भी पति-पत्नी एक साथ उनके दर्शन के लिए आएंगे, वे बाद में कभी खुश नहीं रहेंगे. जिसके कारण आज भी यहां पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं करते हैं।

 

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