देश-प्रदेश

चीन से उठा ‘यागी तूफान’ कैसे पहुंचा दिल्ली-NCR, अब क्या होगा बाकी शहरों का हाल?

नई दिल्ली: चीन से उठा यागी तूफान पूरे भारत में अपना असर दिखाने की तैयारी में है. चक्रवात यागी चीन से वियतनाम, थाईलैंड और फिलीपींस होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ गया है. जानकारी के मुताबिक, तूफान के अवशेष और बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन और कम दबाव के सिस्टम ने पूरे उत्तर भारत को भिगोने का मन बना लिया है. ऐसे में अगर बारिश होती है तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर तक का इलाका बारिश से भीग जाएगा.

इन राज्यों में अलर्ट जारी

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, फिलहाल दिल्ली-NCR इलाके के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली के साथ-साथ यह येलो अलर्ट 11 से 14 सितंबर के बीच हरियाणा, मध्य प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई अन्य राज्यों के लिए भी जारी किया गया है. वहीं IMD का अनुमान है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी राजस्थान और पंजाब समेत कई इलाकों में बारिश देखने को मिल रही है. ऐसा माना जाता है कि 15 सितंबर के बाद मानसून वापस जाना शुरू कर देता है लेकिन इस बार अनुमान है कि मानसून अक्टूबर के पहले सप्ताह के बाद हो सकता है.

जानें कैसे बंगाल की खाड़ी पहुंचा यागी?

उत्तर-पश्चिम MP के इलाके में एक डिप्रेशन बना हुआ है. जबकि दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका असर पता नहीं चल पाया है. यह अवसाद बंगाल की खाड़ी में बना था. इस डिप्रेशन के बनने से वियतनाम की ओर स्थित यागी तूफान को काफी सपोर्ट मिला. जिसके कारण यागी बंगाल की ओर आकर्षित हुआ.

तूफान के कारण…

8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहे इस डिप्रेशन का असर मुख्य रूप से ग्वालियर, झांसी, आगरा, अलीगढ में दिख रहा है. अनुमान है कि अगले 24 घंटों में यह धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए दिल्ली और लखनऊ तक पहुंच जाएगा. इसका असर अगले 3-4 दिनों तक रहने वाला है. इस तूफान के कारण दक्षिणी गुजरात पर भी चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है. जिसके चलते यहां अगले 2-3 दिनों तक बारिश की संभावना बनी रहेगी.

गर्मी का असर देखने को मिला

हाल के दिनों में बारिश और गर्मी का कई असर देखने को मिला है. गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बारिश ने तबाही मचाई. जिससे समुद्र में गर्मी बढ़ती जा रही है. इसका असर मौसम पर पड़ता है. इसी तरह गुंटूर, श्रीकाकुलम, पश्चिमी चंपारण, कटक के इलाके बाढ़ के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस साल यहां अभी भी सूखा पड़ा हुआ है.

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Aprajita Anand

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