विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के विलय से कैसा होगा ग्राहकों परअसर?

केंद्र सरकार ने विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के विलय का फैसला किया है. इसके लिए तीनों बैंको के बोर्ड विचार करेंगे. इन तीनों बैंको को मिला देने के बाद बनने वाला नया बैंक भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. ऐसे में बैंक के ग्रैहकों पर इसका क्या असर होगा.

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विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के विलय से कैसा होगा ग्राहकों परअसर?

Aanchal Pandey

  • September 18, 2018 3:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के विलय का फैसला किया है. इसके लिए तीनों बैंको के बोर्ड विचार करेंगे. इन तीनों बैंको को मिला देने के बाद बनने वाला नया बैंक भारत का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. इससे फंसे हुए कर्ज से निजात मिल सकती है. सरकार ने साफ कर दिया है कि विलय के बाद भी तीनों बैंक देश में स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगे और इससे किसी कर्मचारी की नौकरी भी नहीं जाएगी. माना जा रहा है कि ये विलय फंसे हुए कर्ज की समस्या से निपटने का सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जा रहा है.  दरअसल सरकारी बैंकों के कामकाज और नियुक्तियों में सरकार के दखल के कारण स्थिति खराब हो रही है.  जिसकी वजह से निजी बैंक नए डिपोजिक का करीब 70 फीसदी और इन्क्रिमेंटल लोन का 80 फीसदी हिस्सा लेने में कामयाब हो रहे हैं.

तीनों बैंको के विलय से नया बैंक बनेगा और फिर नया बोर्ड गठित होगा. बता दें कि बैंकों के विलय की प्रक्रिया लंबी होती है यानि इसमें 4 से 6 महीने लगेंगे. विलय से बाद बैंकों की शाखाओं को नया नाम और आईएफएससी कोड मिल जाएगा. हालांकि बैंक के ग्राहकों पर इस विलय का कोई असर नहीं पड़ेगा. इससे पहले एसबीआई में उसके एसोसिएट बैंको के विलय की प्रक्रिया लंबी चलने के बावजूद इससे कस्टमर सर्विस प्रभावित नहीं हुई थी.

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