चंडीगढ़: रेप और मर्डर जैसे संगीन जुर्म करने वाले सजायाफ्ता मुजरिम गुरमीत राम रहीम को 6 बार पैरोल दी जा चुकी है. रेपिस्ट बाबा इस समय भी जेल से बाहर है. जल्द ही राम रहीम अपना म्यूजिक वीडियो लॉन्च कर रहा है. दूसरी ओर राम रहीम आश्रम में भक्तों को प्रवचन दे रहा है. दोष […]
चंडीगढ़: रेप और मर्डर जैसे संगीन जुर्म करने वाले सजायाफ्ता मुजरिम गुरमीत राम रहीम को 6 बार पैरोल दी जा चुकी है. रेपिस्ट बाबा इस समय भी जेल से बाहर है. जल्द ही राम रहीम अपना म्यूजिक वीडियो लॉन्च कर रहा है. दूसरी ओर राम रहीम आश्रम में भक्तों को प्रवचन दे रहा है.
इतिहास में ऐसा पहली बार देखा गया है कि सरकार किसी सजायाफ्ता मुजरिम को बार-बार पैरोल दे रही है. लेकिन ऐसा क्यों है? आइए जानते हैं क्या है पैरोल और फर्लो का अंतर और किसी दोषी को कितनी बार रिहाई दी जा सकती है. गौरतलब है कि बाबा राम रहीम इस समय पैरोल पर बाहर है. जहां वह लगातार कई कार्यक्रम कर रहा है. इतना ही नहीं सूबे की सरकार के कई लोग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं.
पैरोल से जुड़े नियम कानूनों के अनुसार पैरोल सजा पूरी होने से पहले किसी दोषी मुजरिम को जेल से मिली कुछ दिनों की रिहाई को कहा जाता है. इसके लिए जरूरी है कि कैदी ने अच्छा व्यवहार किया हो. इसके अलावा कैदी के बाहर आने की जरूरी वजह बतानी पड़ती है. कैदी को पैरोल देने पर आखिरी फैसला संबंधित राज्य की सरकार करती है.
फर्लो जेल में लंबे वक्त से सजा काट रहे कैदियों को दी जानेवाली छुट्टी है. इसके लिए किसी खास वजह का होना जरूरी नहीं है. इसपर एक कैदी का अधिकार माना जाता है. सरकार जेल की रिपोर्ट के आधार पर इसे मंजूर या नामंजूर करती है.
दरअसल कानूनी जानकार बताते हैं कि पैरोल और फर्लो राज्य सरकार के विषय हैं.इसके लिए सरकार पर किसी तरह की सीमा नहीं है. राज्य सरकार जब चाहे, तो वह नियमों के अनुसार किसी भी दोषी और सजा काट रहे कैदी को पैरोल या फर्लो दे सकती है. इस बात की अवधि भी सरकार ही तय करती है.
इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने पिछले साल अपने पैरोल कानून में बड़ा बदलाव किया था. राज्य सरकार पर सवाल भी खड़े हुए थे कि क्या सरकार ने जानबूझ कर राम रहीम को फायदा पहुंचाने के लिए अपने कानून में बदलाव किए हैं? दरअसल 11 अप्रैल 2022 में पैरोल को लेकर हरियाणा सरकार ने एक नया कानून बनाया गया था. इसके बाद से ही रेप और हत्या के दोषी राम रहीम को जल्दी-जल्दी पैरोल मिलने लगी.
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