नई दिल्ली: राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा आज श्रीनगर में पूरी हो गई। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए गुजरी। 3 हजार 570 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा ने बेजान पड़ी कांग्रेस में जान फूँकने का काम किया है। ऐसे में […]
नई दिल्ली: राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा आज श्रीनगर में पूरी हो गई। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए गुजरी। 3 हजार 570 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा ने बेजान पड़ी कांग्रेस में जान फूँकने का काम किया है। ऐसे में यह यात्रा राहुल गाँधी और उनकी पार्टी के लिए कितना कारगर साबित हुई और क्या राहुल गाँधी का मकसद पूरा हुआ? आइए इन विषयों पर बात करते हैं:
राहुल गाँधी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने महसूस किया कि कमजोर लोग आज डर के माहौल में रहते हैं। इस डर को अपने दिल से निकालने की बहुत जरूरत है। राहुल गाँधी के मुताबिक उन्हें इस यात्रा के ज़रिए कई अनुभव मिले हैं। उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। राहुल गाँधी ने इस दौरे को अपने लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों और किसानों से सीधे संवाद करने का अवसर मिला है। मुझे लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझने और उनसे जुड़ने का मौका मिला। राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि वह जहाँ भी गए, लोगों को अपार प्यार मिला। उन्होंने जाना कि लोगों की असली तकलीफ क्या है?
बता दें, साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए कुछ अच्छे तो कुछ बुरे नतीजे सामने आए थे। कांग्रेस विधानसभा में 117 सीटों के साथ पंजाब हार गई, जहाँ उसे सिर्फ 18 सीटों पर संतोष करना पड़ा, लेकिन साल के अंत में उसे हिमाचल प्रदेश में 40 सीटों का फायदा हुआ, जिसमें विधानसभा की 68 सीटें थीं। कांग्रेस ने एक राज्य खोया और दूसरा पा लिया। इसलिए, कांग्रेस के खाते में अब भी तीन राज्य हैं: छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश।
मोदी युग में भाजपा के उछाल के बीच कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल पर कब्जा कर लिया। हालाँकि अहमदाबाद से दिल्ली तक बीजेपी ने जिस तरह से गुजरात की जीत का जश्न मनाया, कांग्रेस हिमाचल की जीत को भुनाने में नाकाम रही लेकिन कभी शिमला में मल्लिकार्जुन खड़गे और राजीव शुक्ला तो कभी शिमला में राजीव शुक्ला तो कभी खुद प्रियंका गाँधी ने इस जीत का श्रेय यात्रा को देने का प्रयास किया। इस यात्रा से कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता रोमांचित हैं, लेकिन कांग्रेस का भविष्य राज्यों के नतीजे से ही तय होगा।