Kerala Landslide: केरल के वायनाड में मंगलवार सुबह चूरलमाला और मुंडक्कयी में भारी बारिश के बीच भूस्खलन के बाद करीब 70 लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग अब भी लापता है। भूस्खलन और बारिश ने 4 गांवों को उजाड दिया है। शायद ही किसी ने उम्मीद की होगी कि भूस्खलन के कारण स्थिति इतनी गंभीर हो जाएगी।
ऐसे में सवाल उठता है कि भूस्खलन कैसे होता है? क्या भूस्खलन के संकेत पहले से नहीं मिलते। तो आपको बता दें कि भूस्खलन से पहले पांच प्रमुख संकेत मिलते हैं, जिन्हें अगर आप महसूस कर लें तो आप अपने परिवार की जान बचा सकते हैं।
भारी वर्षा, बाढ़ या भूकंप आने से मिट्टी की पकड़ कमज़ोर हो जाती है। इससे चट्टान या मिट्टी के कणों को आपस में जोड़ने वाले ‘गोंद’ की शक्ति कम हो जाती है। ढलान पर स्थित होने के कारण चट्टान इतनी मज़बूत नहीं रह जाती कि उस पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल को रोक सके। जिससे भूस्खलन की स्थति पैदा होती है।
जब भी आपको भूस्खलन के संकेत मिलें, तो सबसे पहले अपने स्थानीय अधिकारियों को इसकी सूचना दें। आपको तुरंत अपने परिवार के साथ उस जगह को छोड़ देना चाहिए जहां भूस्खलन होने की संभावना है। अगर आप भूस्खलन से प्रभावित किसी इमारत में हैं, तो खाली इमारत में रहने से बचे या इमारत की सबसे ऊंची मंजिल पर चले जाएं या भूस्खलन खत्म होने तक काउंटरटॉप पर चढ़ जाएं।
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